Move to Jagran APP

पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा- पराली जलाना दिल्लीवासियों के लिए मृत्युदंड बन गया है

केंद्रीय मंत्री ने पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को लेकर साधा निशाना कहा- लोगों की लापरवाह गतिविधियां पर्यावरण क्षति में अहम कारक

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:58 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:58 AM (IST)
पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा- पराली जलाना दिल्लीवासियों के लिए मृत्युदंड बन गया है
पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा- पराली जलाना दिल्लीवासियों के लिए मृत्युदंड बन गया है

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को कहा कि सर्दियों से पहले पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना दिल्लीवासियों के लिए मौसमी सौगात है और इसके चलते होने वाले भीषण वायु प्रदूषण के कारण यह उनके लिए मृत्युदंड के समान बन गया है। कोलकाता में चल रहे अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आइआइएसएफ) के पांचवें संस्करण के एक सत्र में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली एवं अन्य शहरों में वायु प्रदूषण से लड़ने का सही तरीका लागू नहीं किया गया है।

loksabha election banner

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोष की मांग करने का जिक्र करते हुए बाबुल ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें खुद के अंदर झांककर देखना चाहिए, खासकर तब जब पराली जलाने के बजाय इसके प्रबंधन के लिए राज्य को मशीनें दी गई है।

बाबुल ने कहा कि दिल्ली में वाहन प्रदूषण कम है, लेकिन तस्वीरों और टेलीविजन पर स्मॉग की जो तस्वीरें हम देखते हैं वह आमतौर पर धूलकण, जैव ईधन और पराली जलाने तथा मानव जाति की लापरवाह गतिविधियों के कारण होता है। उन्होंने कहा कि पराली जलाना दिल्ली वालों के लिए मौसमी सौगात बन गया है और हवाएं भी इसमें मदद नहीं कर पा रहीं हैं, नतीजतन राष्ट्रीय राजधानी मृत्युदंड से गुजर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने पिछले साल फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने और कोष की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा, उनकी यह मांग खारिज कर दी गई क्योंकि किसी एक विशेष राज्य को यह छूट नहीं दी जा सकती है। बाबुल ने कहा, इस साल उन्होंने फिर ऐसा ही पत्र लिखा है, लेकिन वास्तव में उन्हें अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए।

बाबुल ने कहा कि पराली जलाए बिना उसे खाद में तब्दील करने के लिए पंजाब को 1500 मशीनंे दी गई थी। इसमें केंद्र से अक्टूबर में 2000 करोड़ रुपये की मांग की गई थी ताकि प्रदूषण और मिट्टी के कटान की रोकथाम के लिए वे धान के पुआल को जलाए बिना उन्हें हटा सकें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों की लापरवाह गतिविधियां भी पर्यावरण क्षति का अहम कारक है। उन्होंने कहा कि हर मंत्रालय के भीतर एक लघु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय होना चाहिए ताकि उन्हें वैज्ञानिक तरीके से कुछ नया करने के लिए समृद्ध बनाया जा सके। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.