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Republic Day 2020: गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी शामिल नहीं करना जनता का अपमान: तृणमूल

Republic Day 2020. संसदीय मामलों के राज्य मंत्री तापस राय ने कहा कि सिर्फ इसलिए बंगाल सरकार को वंचित किया गया क्योंकि यहां भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध हो रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 05:18 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 06:44 PM (IST)
Republic Day 2020: गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी शामिल नहीं करना जनता का अपमान: तृणमूल
Republic Day 2020: गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी शामिल नहीं करना जनता का अपमान: तृणमूल

जागरण संवाददाता, कोलकाता। Republic Day 2020. गणतंत्र दिवस 2020 के लिए बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को केंद्र द्वारा खारिज किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है और इसे राज्य की जनता का अपमान बताया है। सीएम ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी की ओर से कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का राज्य में हो रहे विरोध के कारण ऐसा किया है। वहीं, प्रदेश भाजपा की ओर से इस आरोप को खारिज करते हुए कहा गया है कि तृणमूल को हर मामले में राजनीति करने से परहेज करना चाहिए।

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तृणमूल की ओर से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय मामलों के राज्य मंत्री तापस राय ने कहा कि सिर्फ इसलिए बंगाल सरकार को वंचित किया गया, क्योंकि यहां भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कहा कि हमने सीएए जैसे जनविरोधी कानून का विरोध किया है इसलिए केंद्र ने हमारी झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, यह राज्य की जनता का अपमान है।

उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस 2020 के लिए बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को चयन करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने बुधवार को खारिज कर दिया। इस बार की गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं, जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं।

रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया और इसे आगे विचार के लिए नहीं बढ़ाया गया।  

इस गणतंत्र दिवस परेड में नहीं दिखेगी बंगाल और उत्तराखंड की झांकी

इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए 16 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों की 22 झाकियों को ही मंजूरी मिली है। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी बुधवार को दी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 32 और विभिन्न मंत्रालय व विभागों की तरफ से 24 झांकियों का प्रस्ताव मिला था। इसमें केवल 22 को चुना गया है। जिन राज्यों की झांसी इस बार नहीं दिखेगी, उसमें बंगाल और उत्तराखंड भी शामिल हैं।

बंगाल का प्रस्ताव अस्वीकार हो जाने पर माना जा रहा है कि केंद्र और ममता सरकार के बीच और खटास बढ़ेगी। बंगाल सरकार के सूत्रों की मानें तो इस संबंध में उन्हें फिलहाल कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। पिछले साल केंद्र भी ने राज्य की ममता सरकार द्वारा चलाई जा रही कन्याश्री योजना को प्रदर्शित करने के राज्य के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था। बाद में राज्य सरकार की ओर से महात्मा गांधी के जीवन के दो प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला। जिसमें भारत की स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण मोड़ के दौरान गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के साथ उनके कोलकाता प्रवास को झांकी के जरिए दर्शाया गया था।

उत्तराखंड के उप निदेशक सूचना केएस चौहान ने बताया कि इस बार प्रदेश की ओर से उत्तरकाशी में होने वाले बटर फेस्टिवल, लाखा मंडल और जल संचय एवं संव‌र्द्धन थीम पर तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे। जिन्हें केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद अभी तक 11 बार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में आ चुकी है।

टीएमसी नेता मदन मित्रा बोले, एनआरसी और सीएए को बंगाल रद कर देगा

एएनआइ के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज करने पर टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा कि यह बंगाल के लिए नया नहीं है। दिल्ली को बंगाल से डर लगता है। वे दिल्ली में बंगाल की झांकी रद कर सकते हैं। एनआरसी और सीएए को बंगाल रद कर देगा

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