आरक्षण को ले मोहन भागवत के बयान पर सियासत तेज: विपक्ष ने उठाए मंशा पर सवाल
आरक्षण पर चर्चा को लेकर मोहन भागवत के बयान पर बिहार में सियासत गर्म है। इस मुद्दे पर जेडीयू व आरजेडी के स्टैंड एक दिख रहे हैं। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें यह खबर।
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के आरक्षण (Reservation) पर चर्चा को लेकर दिए बयान पर बिहार में सियासत तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तथा बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भागवत के बयान के पीछे छिपी मंशा पर सवाल उठाए हैं तो आरजेडी सांसद मनोज झा ने भागवत को आग से नहीं खेलने की चेतावनी दी है। खास बात यह भी है कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance) के साथ सुर मिलाया है।
यह है मामला
विदित हो कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि आरक्षण के पक्ष व विपक्ष के लोगों के बीच सद्भावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। आरक्षण पर चर्चा हर बार तीखी हो जाती है। हालांकि, इसपर समाज के विभिन्न वर्गों में सामंजस्य की जरूरत है।
मनोज झा बोले- यह आग से खेलने की कोशिश
मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि यह आग से खेलने की कोशिश है। ऐसा हुआ तो लोग सड़कों पर उतरेंगे और सौहार्दपूर्ण माहौल की चर्चा ही खत्म हो जाएगी। केवल बहुमत के आधार पर सभी बातों को नकारा नहीं जा सकता है। आरक्षण की मंजिल अभी दूर है। उन्होंने कहा कि संसदीय बहुमत और नैतिकता में काफी फर्क है। देश का संविधान नैतिकता व बहुमत की नोंक पर है।
मनोज झा ने कहा कि आरक्षण पर चर्चा में दिक्कत है, क्योंकि देश में सौहार्दपूर्ण माहौल है ही नहीं। पिछड़ों और आदिवासियों को अभी तक उनका हक ही नहीं मिला है। आंशिक तौर पर जो मिला है, उसकी भी समीक्षा की बात की जा रही हैं। .इन इरादों और इशारों पर आपत्ति है।
तेजस्वी बोले: 'सौहार्दपूर्ण माहौल' की नौटंकी में आरक्षण छीनने की साजिश
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर कहा है कि आरक्षण को लेकर आरएसएस व भारतीय लपता पार्टी (BJP) की मंशा ठीक नहीं है। तेजस्वी ने कहा है कि बहस इस बात हो कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80 फीसद पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव अन्य पिछड़ा या आर्थिक पिछड़ा वर्ग से क्यों नहीं है? कोई कुलपति अनुसूचित जाति-जनजाति या अति पिछड़ा वर्ग से क्यों नहीं है?
आरक्षण को लेकर RSS/BJP की मंशा ठीक नहीं है। बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव OBC/EBC क्यों नहीं है? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है? करिए बहस??
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2019
अपने एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने कहा है कि मोहन भागवत के बयान के बाद यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम 'संविधान बचाओ' और 'बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ' के नारों के साथ आगाह कर रहे थे। 'सौहार्दपूर्ण माहौल' की नौटंकी में ये आरक्षण छीन लेने की योजना में वे काफी आगे बढ़ चुके है।
मोहन भागवत जी के बयान के बाद आपको यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम आपको “संविधान बचाओ” और “बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ” के नारों के साथ आगाह कर रहे थे।'सौहार्दपूर्ण माहौल' की नौटंकी में ये आपका आरक्षण छीन लेने की योजना में काफी आगे बढ़ चुके है।जागो,जगाओ और अधिकार बचाने की मशाल जलाओ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2019
आरक्षण के साथ थोड़ी भी छेड़छाड़ की गई तो होगा जन-आंदोलन
आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी एक ही हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों के हित के लिए आरक्षण लाया गया है, ताकि इससे पिछड़े वर्ग के लोग मुख्य धारा में बने रहें। लेकिन मोहन भागवत के बयान से साफ झलकता है कि वे आरक्षण को खत्म करने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आरक्षण के साथ थोड़ी भी छेड़छाड़ की गई तो जनआंदोलन होगा, लोग सड़कों पर उतर कर क्रांति करेंगे। कहा कि मोहन भागवत जान-बूझकर आरक्षण पर बहस करना चाहते हैं, ताकि आरक्षण समाप्त हो जाए। जिस प्रकार अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर दिया गया है, ठीक उसी प्रकार से आरक्षण को भी खत्म करने की साजिश की जा रही है। अगर संविधान के साथ कुछ भी छेड़छाड़ हुआ तो उसे किसी भी हालत में सड़कों पर लोगों की जनक्रांति देखने को मिलेगी।बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आरक्षण समाप्त हुआ तो होगी जन क्रांति, लोग देंगे कुर्बानी
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि अगर आरक्षण से जरा भी छेड़छाड़ की गई तो हजारों लोग कुर्बानी देंगे। उन्होंने भागवत को चेतावनी देते हुए कहा कि आरक्षण खत्म हो गया तो देश के लोग शांत बैठने वाले नहीं है। सड़कों पर लोगों की जन-क्रांति देखने को मिलेगी।