Jammu And Kashmir: बदलती सियासत से परेशान कश्मीरी दल एक छतरी के नीचे आए, बनाया पीपुल्स एलायंस
Peoples Alliance बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्वयं गठबंधन की घोषणा करते हुए दावा किया कि यह गठबंधन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लोगों के साथ संवाद-संपर्क बहाल कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की पुनर्बहाली के लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत शुरू कराने का प्रयास करेगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। Peoples Alliance: जम्मू-कश्मीर की बदलती सियासत और घटते जनसमर्थन से परेशान तमाम कश्मीरी दल अब एक छतरी के तले आ खड़े हुए हैं। गुपकार घोषणापत्र के बहाने एक बार फिर इन दलों ने अनुच्छेद 370 का राग अलापा और पीपुल्स एलायंस के नाम से नए गठबंधन के गठन का एलान किया। नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर वीरवार को हुई कश्मीरी दलों की बैठक के बाद औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा की गई। गठबंधन अपनी रणनीति तय करने के लिए जल्द बैठक करेगा। भाजपा पहले से इन दलों से अलग रही है। इस बार कांग्रेस भी बैठक से किनारा करती नजर आई। बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने स्वयं गठबंधन की घोषणा करते हुए दावा किया कि यह गठबंधन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लोगों के साथ संवाद-संपर्क बहाल कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की पुनर्बहाली के लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत शुरू कराने का प्रयास करेगा।
इसके साथ ही पांच अगस्त, 2019 से पहले की जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति बहाल कराने और पुनर्गठन अधिनियम को रद कराने की रणनीति पर भी मंथन किया। इसमें गुपकार घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सभी नेताओं को बुलाया था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर को भी न्योता भेजा गया था। शाम चार बजे शुरू होने वाली बैठक आधा घंटा देरी से शुरू हुई और करीब ढाई घंटे तक चली।
यह रहे शामिल
इस बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला, नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारीगामी, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन पूर्व मंत्री जावेद मुस्तफा मीर, पीडीपी के नईम अख्तर, पीपुल्स कांफ्रेंस के इमरान रजा अंसारी, नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर, पूर्व विधायक खालिद नजीब सोहारवर्दी व अन्य कई नेता शामिल हुए। कांग्रेस के जीए मीर बैठक में शामिल नहीं हुए।
कांग्रेस नेता जीएन मोंगा ने हालांकि कहा कि अस्वस्थ होने के कारण ही वह बैठक से दूर रहे।बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ. फारूक ने कहा कि हम विशेष दर्जे की बहाली के लिए पूरा प्रयास करेंगे। हम सभी लोग यहां इसलिए जमा हुए थे। हमने मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया है। इसके लिए हमने गठजोड़ को पीपुल्स एलायंस का नाम दिया। हम चाहते हैं कि सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों को वह सब लौटाए जो पांच अगस्त 2019 से पहले तक उनके पास था। डॉ. फारूक ने कहा कि गुपकार घोषणा पर हस्ताक्षर करने वाले सभी नेता और दल एक हैं। उनमें कोई मतभेद नहीं है। हम कश्मीर मसले के हल के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में हमने गुपकार घोषणा एक साल के हालात पर विचार-विमर्श किया है। जल्द सभी लोग दोबारा मिलकर बैठक करने जा रहे हैं। उसमें आंदोलन और आगे की रणनीति का एलान करेंगे।
#WATCH Jammu & Kashmir: All-party meeting underway at National Conference (NC) president Farooq Abdullah's residence in Srinagar.
National Conference Vice President Omar Abdullah and Peoples Democratic Party (PDP) chief Mehbooba Mufti also present. pic.twitter.com/5BVyvIGL9s— ANI (@ANI) October 15, 2020
जानें, क्या है गुपकार घोषणा
चार अगस्त 2019 की शाम को डॉ. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह, कांग्रेस नेता जीए मीर व कश्मीर के अन्य छोटे बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें भाजपा शामिल नहीं थी। बैठक में सभी नेताओं ने घोषणापत्र तैयार कर हस्ताक्षर किए। घोषणापत्र में कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी। इसी घोषणा को गुपकार घोषणा कहते हैं।
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