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पीएनबी घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच पर राजनीतिक दलों के सुर एक नहीं

कांग्रेस ने जेपीसी के गठन की मांग की थी। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि पीएम चुप क्यों हैं। उनका सवाल था कि बैकिंग सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए सरकार क्या करने जा रही है?

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 07:08 PM (IST)Updated: Thu, 22 Feb 2018 10:18 AM (IST)
पीएनबी घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच पर राजनीतिक दलों के सुर एक नहीं
पीएनबी घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच पर राजनीतिक दलों के सुर एक नहीं

नई दिल्ली, पीएनबी। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले की जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच पर राजनीतिक दलों के सुर एक नहीं हैं। कांग्रेस समेत माकपा व भाकपा की मांग है कि संसदीय समिति जांच करके सच को बाहर लाए, लेकिन तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि इस तरह की जांच विगत में कारगर नहीं रही है। हालांकि पार्टी यह नहीं बता सकी कि वह चाहती क्या है?

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माकपा का कहना है कि इस मामले की व्यापक जांच होनी चाहिए। हर्षद मेहता और केतन पारेख के मामले में संसदीय समिति का गठन किया गया था। इस बार भी इस तरह की समिति के जरिये वित्त मंत्री से सवाल जवाब होने चाहिए। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार ने उद्योगपतियों के दो लाख करोड़ के कर्ज माफ किए हैं। पीएम को उन सभी के नामों का खुलासा करना चाहिए। नरेंद्र मोदी को उन उद्योगपतियों के नामों को भी सार्वजनिक करना चाहिए जो विदेशी दौरों में उनके साथ सरकार के खर्च पर गए थे। नामों का पता चलने से यह मालूम पड़ सकेगा कि सरकार किस तरह से चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।

भाकपा का भी कहना है कि जेपीसी की जांच ही पीएनबी घोटाले में कारगर रहने वाली है। पार्टी का कहना है कि मामले में कानूनी कार्यवाही के साथ इस तरह का कदम उठाया जाना भी जरूरी है। पार्टी नेता डी राजा का कहना है कि नीरव मोदी व विजय माल्या जैसे उद्यमियों को वापस देश में लेकर उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

उधर, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि संसदीय समिति की जांच बेमतलब की साबित रहने वाली है। बोफोर्स कांड में समिति ने जांच की जो रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी थी, उसे विपक्ष ने मानने से भी इन्कार कर दिया था। उनका कहना था कि इस सारे मामलों में नुकसान आम आदमी का हो रहा है। उन्हें ऋण देने से भी मना कर दिया जाता है। उनका कहना था कि वह संसद में मामले को उठाने के साथ सड़क पर भी संघर्ष करेंगे।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने जेपीसी के गठन की मांग की थी। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि पीएम चुप क्यों हैं। उनका सवाल था कि बैकिंग सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए सरकार क्या करने जा रही है?


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