Move to Jagran APP

PM Modi Gaya Speech: 5 साल पहले पर्यटन और अब बिहार को गुजरात से जोड़ गए मोदी, भीड़ लगाती रही नारे

Bihar Politics पीएम मोदी गया में अपने भाषण से 2019 की रैली की याद करा गए। लोगों में जबरदस्त उत्साह दिखा। लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे। पीएम मोदी ने इस बार भी स्थानीयता का ध्यान रखा और मगही भाषा का भी जिक्र कर दिया। वहीं उन्होंने अपने पुराने वादे भी याद दिलाए। पीएम मोदी की सभा में भाड़ी भीड़ उमरी हुई दिख रही थी।

By Jagran News Edited By: Sanjeev Kumar Published: Wed, 17 Apr 2024 10:40 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 10:40 AM (IST)
गया में पीएम मोदी फिर से गरजे (जागरण)

जागरण टीम, अश्विनी। Bihar Politics News Hindi: पटना शोर वही, जैसा पांच वर्ष पहले था। वह तिथि थी दो अप्रैल 2019 की। पांच वर्ष 13 दिनों बाद 16 अप्रैल को फिर वही दृश्य। वह सभा भी लोकसभा चुनाव की थी, मंच फिर उसी के लिए सजा था। गया का गांधी मैदान।

loksabha election banner

तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे ही संबोधन को खड़े हुए थे, मोदी, मोदी....। इस शोर को वे स्वयं भी नहीं रोक पाए थे। पांच वर्ष बाद भी कुछ नहीं बदला था। सो, इस बार उन्होंने शांत रहने का आग्रह नहीं किया, चुप्पी साध ली। परिवर्तन बस यही था। वे जैसे ही भाषण के लिए खड़े हुए मोदी-मोदी के नारे लगने लगे।

वे चुप हो गए, भीड़ नारे लगाती रही। कुछ पल बाद हंसते हुए कहा-’इजाजत हो तो आगे बोलना शुरू करूं...।’ भीड़ यंत्रवत शांत। ठेठ मगही में गयाजी को प्रणाम कहते ही भीड़ अभिवादन में दोनों हाथ उठाती हुई।

संबोधन में स्थानीयता का पुट डाल स्वयं को जनमानस से सीधे जोड़ते हुए बात मुद्दों तक। पांच वर्ष पहले इसी मंच से पर्यटन स्थलों के आर्थिक परिवेश को समझाया था। बोधगया की चर्चा की थी।

पीएम मोदी ने अपने वादे स्वयं याद दिलाए (PM Modi Gaya Speech)

इस बार बताया कि किस तरह गया जंक्शन का कायाकल्प किया जा रहा है। अपने वादे स्वयं ही याद दिलाए और कार्यान्वयन का लेखा-जोखा भी दिया। उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना में कार्य शुरू करने के बारे में बताया। पिछली बार भी पर्यटन से रोजगार पर जोर था, पांच वर्ष बाद भी।

भौगोलिक और भावनात्मक रिश्तों के तार बांधने में माहिर मोदी ने यहां एक नई बात जोड़ते हुए उसे विकास की राह देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, यहां पितृ गया है। गुजरात में भी एक जगह है। पाटन जिले के सिद्धपुर में मातृ गया। गयाजी मतलब पितृ गया। जिस तरह पितरों के मोक्ष के लिए प्रसिद्ध है, उसी तरह सिद्धपुर मातृ मोक्ष के लिए।

ऐसी मान्यता है कि यहीं पर कपिल मुनि ने माता के मोक्ष के लिए अनुष्ठान किया था, जिसका वे उल्लेख कर रहे थे। केवल इतना कहकर एक सांस्कृतिक रिश्ता गढ़ने का प्रयास। गया के रेलवे स्टेशन के सुंदरीकरण को पर्यटन क्षेत्र में विकास के पहलू से जोड़ते हुए।

लालू प्रसाद पर राजनीतिक कटाक्ष में जंगलराज तब भी था, इस बार भी। युवाओं से विशेष रूप से संवाद करने का प्रयास। इस बार नई एक और बात रही। भाषण समाप्त करते हुए कहा कि मेरा एक काम कर देंगे? भीड़ से आवाज आई-बोलिए। बस, घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचा दीजिएगा, हमने प्रणाम भेजा है। भीड़ का उत्साह प्रणाम की स्वीकारोक्ति की गवाही दे रहा था।

यह भी पढ़ें

Bihar Politics: ओवैसी कर रहे थे रैली, इधर बिहार में कांग्रेस ने कर दी सेंधमारी; इस नेता ने AIMIM का छोड़ा साथ

Bihar News: बिहार के UPSC Rank 1 लाने वाले 9 IAS अधिकारी कौन हैं? पढ़ें पूरी लिस्ट यहां


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.