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जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिल सकते हैं अधिकार, सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता, भूमि का मालिकाना हक

पहले की तरह सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता और मिल सकता है भूमि का मालिकाना हक-राज्य के लोगों को मिल सकते हैं डोमीसाइल सर्टिफिकेट-प्रशासन कर रहा विचार

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 09:42 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:42 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिल सकते हैं अधिकार, सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता, भूमि का मालिकाना हक
जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिल सकते हैं अधिकार, सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता, भूमि का मालिकाना हक

जम्मू, राज्य ब्यूरो। सरकारी नौकरियों में पहले की तरह ही प्राथमिकता और भूमि का मालिकाना अधिकार मांग रहे जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के लिए अच्छी खबर है। यहां के लोगों को पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर डोमीसाइल सर्टिफिकेट मिल सकते हैं। इससे पहले की तरह ही उन्हें सरकारी नौकरियों में वरीयता और जमीन का मालिकाना अधिकार दिए जाने पर प्रशासन गंभीरता के साथ विचार कर रहा है।

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हालांकि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है।जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से पहले यहां पर अनुच्छेद 370 लागू थी। यहां सरकारी नौकरियां केवल जम्मू कश्मीर के स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र वाले ही कर सकते थे। इसी तरह यहां पर भूमि भी सिर्फ स्थायी नागरिकों को ही खरीदने का हक था।

बाहर का कोई भी नागरिक यहां पर जमीन नहीं खरीद सकता था। पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां पर स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र को खत्म कर दिया। इसके बाद यहां पर देश के अन्य भागों की तरह ही सभी राज्यों के लोगों को भूमि खरीदने का अधिकार मिलने के अलावा सरकारी नौकरियां करने का भी अधिकार हासिल हो गया। इससे यहां के लोगों विशेषकर युवाओं में इस बात की आशंका थी कि पहले ही यहां रोजगार के साधन कम हैं, ऐसे में अगर बाहर के राज्यों के युवाओं को भी यहां पर नौकरियां दी गई तो यहां पर बेरोजगार और बढ़ेगी।

सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर प्रशासन यहां के बेरोजगारों की संख्या को देखते हुए नौकरियों के अधिकार सिर्फ यहां के लोगों के लिए ही संरक्षित कर सकता है। इससे पहले की तरह ही जम्मू-कश्मीर के लोग ही यहां पर नौकरी कर सकेंगे। इसी तरह यहां पर जमीन खरीदने और बेचने का अधिकार भी पहले की तरह ही लागू हो सकता है। इस पर प्रशासन गंभीरता के साथ मंथन कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार, यह अधिकार कुछ वर्षो के लिए होंगे या फिर लंबे समय तक जारी रहेंगे, इस पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ है।

छह लाख के करीब हैं बेरोजगार:

जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारों की संख्या छह लाख से अधिक है। यहां के रोजगार केंद्रों में ही एक लाख से अधिक युवाओं ने अपना पंजीकरण करवा रखा है। यहां पर चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए भी एक-एक लाख युवा आवेदन देते हैं। माना जा रहा है कि इस स्थिति को देखते हुए ही सरकार कदम उठाने जा रही है।

हिमाचल में ऐसी है व्यवस्था :

हिमाचल प्रदेश में 25 साल तक राज्य में रहने वाले को वहां ही स्थायी नागरिकता मिल जाती है। इसके बाद उसे वहां पर जमीन खरीदने के अधिकार के साथ सरकारी सुविधाओं का भी लाभ मिलता है। सरकारी नौकरियों में भी ऐसी ही व्यवस्था है। इसके लिए डोमीसाइल सर्टिफिकेट दिया जाता है। 


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