उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन को लिखी चिट्ठी अक्टूबर के अंत तक छोड़ देंगे अपना सरकारी निवास
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन को पत्र लिखकर यह अवगत कराया है कि वह अपना सरकारी आवास अक्टूबर माह के अंत तक खाली कर देंगे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष औेर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ग्रीष्मकालीन राजधानी के सबसे पॉश और हाईप्रोफाइल क्षेत्र गुपकार मार्ग पर स्थित अपने किलेनुमा सरकारी आवास को खाली करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने यह फैसला स्वेच्छा से लिया है, क्योंकि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश में बदले नियमों के बीच मैं इसका हकदार नहीं हूं। उल्लेखनीय है कि उमर अब्दुल्ला करीब 18 साल से सरकारी आवासीय सुविधा का लाभ ले रहे थे।
उल्लेखनीय है कि पांच अक्तूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और जम्मू-कश्मीर का संविधान समाप्त होने के साथ ही विभिन्न नियम भी बदल गए। बदले नियमों के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्रियाें के लिए सरकारी आवासीय सुविधा का प्रावधान भी समाप्त हो गया। बीते साल नवंबर माह के दौरान ही संबधित प्रशासन ने कथित तौेर पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारुक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद काे श्रीनगर में उपलब्ध सरकारी आवासीय सुविधा छोड़ने का एक नोटिस कथित तौर पर जारी किया था। अलबत्ता, उमर अब्दुल्ला ने कभी भी इस नोटिस की पुष्टि नहीं की।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन को पत्र लिखकर यह अवगत कराया है कि वह अपना सरकारी आवास अक्टूबर माह के अंत तक खाली कर देंगे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह पत्र पोस्ट करते हुए कहा कि वो यह कदम अपनी स्वेच्छा से उठा रहे हैं और बीते साल मीडिया में जो खबरें थीं वह गलत थीं। उन्होंने लिखा है कि उन्हें घर छोड़ने के लिए कोई नोटिस नहीं मिला है, वह अपने मन से ये कदम उठा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक सचिव को खत लिखकर उन्होंने बताया है कि मुझे श्रीनगर के गुपकर रोड पर मकान नंबर जी-1 2002 में आवंटित हुआ था। 2008 में जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मुझे मकान नंबर जी-5 मुख्यमंत्री निवास के रूप में आवंटित हुआ। 2015 तक मैं इस मकान में रहा। तब से मैं यही रह रहा हूं।
उमर ने ये भी लिखा है कि उन्होंने कभी किसी सरकारी संपत्ति पर कब्जा नहीं किया और न ही करना चाहते हैं। ऐसे में इस घर में रहना उनके लिए ठीक नहीं है। वह अपने लिए एक उचित घर की तलाश कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में समय इसलिए लग रहा है क्योंकि यह कोरोना काल है। उन्होंने लिखा है कि उन्हें भरोसा है कि अगले आठ-दस हफ्तों में उन्हें उचित घर मिल जाएगा और वो उसमें शिफ्ट हो जाएंगे।
उमर अब्दुल्ला को पहली बार गुपकार मार्ग पर सरकारी आवासीय सुविधा वर्ष 2002 में बतौर श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के सांसद के रुप में प्रदान की गई थी। उन्हें जी-1 बंगला मिला था। इसके बाद वर्ष 2008 में जम्मू कश्मीर राज्य का मुख्यमंत्री बनने पर जी-1 के साथ सटे जी-5 बंगला भी उन्हें मिल गया। इन दोनों को आपस मिला दिया गया और वर्ष 2010 से वह इस पूरे परिसर को मुख्यमंत्री के सरकारी निवास के रुप में इस्तेमाल करने लगे।
नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सरकारी निवास छोड़ने की पुष्टि अपने ट्वीटर हैंडल पर भी की। उन्होंने लिखा है कि जनवरी 2015 में मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद मैं सरकारी निवास में तत्कालीन नियमों के आधार पर बना रहा। नियमों के मुताबिक मुझे जम्मू या श्रीनगर में किसी एक जगह सरकारी आवासीय सुविधा का लाभ मिल सकता था। मैंने श्रीनगर में यह लाभ लेने का फैसल किया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को एक पत्र के जरिए सूचित कर दिया है कि मैं अक्तूबर 2020 से पहले ही सरकारी आवासीय सुविधा छोड़ दूंगा। उन्हाेंने कहा कि मीडिया में बहुत बार छपा है कि मुझे मकान खाली करने का नोटिस मिला है, यह सही नहीं है। मैंने स्वेच्छा से सरकारी मकान खाली करने का फैसला किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं से संबधित नियमों में बदलाव आया है। उन नियमों के आधार पर मैं सरकारी मकान में खुद को एक अवैध कब्जा धारक के रुप में महसूस कर रहा हूं। मैंने कभी इस सरकारी मकान के आवंटन को अपने नाम पर सुरक्षा या किसी अन्य आधार पर नियमित कराने का प्रयास नहीं किया है। मैं यह अपने लिए सही नहीं मानता। उन्होंने कहाकि वह ऐसी कोई सरकारी संपत्ति अपने पास नहीं रख सकते, जिसके वह अधिकारी नहीं है। उनका आगे भी ऐसा कोई इरादा नहीं है।
उमर अब्दुल्ला के अनुसार, कोविड-19 महामारी से पैदा हालात के कारण उन्हें अपने लिए एक उचित मकान तलाशने में दिक्कत हो रही है। इसमें 8-10 सप्ताह का समय लगा सकता है। वह प्रयासकर रहे हैं कि जल्द उन्हें एक बेहतर मकान मिले। वह अक्तूबर 2020 से पहले ही सरकारी मकान खाली कर देंगे।