NRC West Bengal: एनएफआर ने बंगाल से गुजरने वाली सभी ट्रेनें रद की
सीएए के विरोध में पश्चिम बंगाल में हिंसा जारी व विभिन्न स्टेशनों व ट्रेनों पर हमले को देखते हुए एनएफआर ने बंगाल से गुजरने वाली अपनी सभी 16 ट्रेनों को रद कर दिया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पश्चिम बंगाल में हिंसा जारी व विभिन्न स्टेशनों व ट्रेनों पर हमले को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने बंगाल से गुजरने वाली अपनी सभी 16 ट्रेनों को रद कर दिया है।
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शुभनन चंदा ने सोमवार को बताया कि बंगाल में स्थिति में सुधार होने तक पूर्व रेलवे की ओर जाने वाली एनएफआर की सभी ट्रेनों को रद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बंगाल के विभिन्न स्टेशनों पर हमले की घटनाएं व व्यापक आंदोलन को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
एनएफआर की ओर से इस बाबत एक आधिकारिक विज्ञप्ति भी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि अगरतल्ला-सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस और अगरतल्ला- बेंगलुरु हमसफर एक्सप्रेस भी 17 दिसंबर को रद रहेगी, क्योंकि दोनों ट्रेनें बंगाल से होकर गुजरती है। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अंतर्गत पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित बिहार व बंगाल के कुछ हिस्सों में ट्रेनें संचालित होती है।
NRC के विरोध से रेलवे को इतने का हुआ नुकसान
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के चलते बीते दो दिनों में दक्षिण पूर्व रेलवे और पूर्व रेलवे के विभिन्न स्टेशनों में तोड़फोड़ और आगजनी से रेलवे को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। रेल सूत्रों के अनुसार बीते शुक्रवार और शनिवार को उलूबेरिया, बाउडि़या, सांकराइल, नलपुर स्टेशनों में उत्पातियों द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी तथा घटनाओं की वजह से ट्रेनें रद किए जाने से अकेले दक्षिण पूर्व रेलवे को 15,77,33,779 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा।
उधर, पूर्व रेलवे के बेलडांगा, सुजनीपाड़ा, कृष्णपुर, लालगोला समेत अन्य स्टेशनों व ट्रेनों में तोड़फोड़, आगजनी की घटनाओं से 85 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। रेलवे को हिसा की वजह से कुल मिलाकर बीते दो दिनों में सौ करोड़ से अधिक का नुकसान होना बताया गया है।
सख्ती से निपटे प्रशासन : ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार देर शाम अपने आवास पर आला अधिकारियों की की एक बैठक बुलाई। इसमें स्पष्ट कहा कि हिंसक प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को इससे सख्ती से निपटना होगा। बैठक में मुख्य सचिव, गृह सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक समेत कई आला अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों की आड़ में कुछ लोग राज्य को अशांत करने की कोशिश कर रहे हैं और इस तरह का हिंसक विरोध प्रदर्शन और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विरोध शांतिपूर्वक होना चाहिए।