MLAs का CM के साथ 'मंगल मिलन', One-To-One होगी मुलाकात, विपक्ष के लिए भी खुले होंगे द्वार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब हर सप्ताह मंगलवार को विधायकों से मुलाकात करेंगे। मुलाकात वन-टू-वन शाम छह से आठ बजे हुआ करेगी।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा एक-हरियाणवी एक की अवधारणा को धरातल पर उतारते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विधायकों से मुलाकात करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री अब हर सप्ताह मंगलवार को अपनी पार्टी के साथ-साथ विपक्ष के विधायकों से भी मुलाकात करेंगे।
विधायकों की मुख्यमंत्री से यह मुलाकात उनके चंडीगढ़ स्थित निवास पर मंगलवार को शाम छह से आठ बजे हुआ करेगी। इसके बाद मंत्री समूह की अनौपचारिक बैठक होगी। यह बैठक मंत्रियों की अनुपलब्धता, समय और जरूरी कामों के लिहाज से परिवर्तित भी हो सकती है, लेकिन विधायकों की बैठक में कोई बदलाव नहीं रहेगा।
विधायकों को सीएम निवास पर पहुंचने के क्रम से मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का समय मिलेगा। मुख्यमंत्री और विधायकों की इस मुलाकात के समय कोई अधिकारी नहीं होगा। यदि किसी विधायक को काम है तो सीएम निवास पर पहले से मौजूद संबंधित अधिकारी को बुला लिया जाएगा। अन्यथा मौखिक चर्चा से काम चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री हर सप्ताह संबंधित विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों का फीडबैक हासिल करेंगे। उन्होंने विधानसभा में सभी दलों के विधायकों के लिए कम से कम पांच-पांच करोड़ रुपये के विकास कार्यों की मंजूरी देने का ऐलान किया था। इस दौरान अधिकारियों के कामकाज के तरीके, कार्यकर्ताओं के प्रति उनके रवैये तथा जनता से मिलने वाले फीडबैक के बारे में भी मुख्यमंत्री अवगत हो सकेंगे।
विपक्ष के विधायकों को साधने की कोशिश
मुख्यमंत्री इस मुलाकात के दौरान विपक्ष खासकर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी, निर्दलीय और इनेलो विधायकों से भी तमाम तरह की चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के विधायकों के कोई काम नहीं रोकने के संकेत विधानसभा में दे दिए थे। हालांकि यह प्रयोग सीएम पहले भी अपने पिछले कार्यकाल में कर चुके हैैं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक बहुमत नहीं मिलने की वजह से इस बार सरकार और संगठन का जोर किसी तरह का रिस्क नहीं लेने पर होगा।
हारे हुए उम्मीदवारों पर हो चुका बवाल
कांग्रेस विधायक बिशनलाल सैनी ने विधानसभा में भाजपा सरकार के मंत्रियों और पार्टी नेताओं की उस कार्यवाही पर सवाल उठाए थे, जिसके तहत वे संबंधित हलकों में जाकर हारे हुए विधायकों को जीता हुआ बताकर आ रहे हैैं। सैनी की इस बात को हालांकि मजाकिया तौर पर लिया गया था, लेकिन उनका कहना था कि यदि हारे हुए उम्मीदवार को जीता हुआ बताया जाएगा तो उस विधायक की राजनीतिक पैठ पर असर पड़ेगा।
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