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Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव खर्च के 220 करोड़ रुपये का समायोजन नहीं, आयोग सख्त

Bihar Assembly Elections 2020 महालेखाकार की रिपोर्ट के बाद एक सप्ताह में एसी बिल के समायोजन के निर्देश। कई जिलों में 18 वर्ष पूर्व के भी बिलों का नहीं किया जा सका है समायोजन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 09:52 AM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 09:52 AM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव खर्च के 220 करोड़ रुपये का समायोजन नहीं, आयोग सख्त
Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव खर्च के 220 करोड़ रुपये का समायोजन नहीं, आयोग सख्त

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Bihar Assembly Elections 2020 : निर्वाचन कार्य में एसी बिल से निकासी किए गए दो सौ 20 करोड़ रुपये से अधिक का समायोजन राज्य के विभिन्न जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा नहीं किया गया है। महालेखाकार कार्यालय से सूची मिलने के बाद निर्वाचन आयोग सख्त हो गया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी को एक सप्ताह के अंदर राशि का समायोजन महालेखाकार कार्यालय में कराने को कहा है। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी देने को कहा है।

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निकासी की गई बड़ी राशि का समायोजन नहीं

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार वर्ष 2002-03 से 2019-20 तक चुनाव कार्य के लिए एसी बिल से निकासी की गई बड़ी राशि का समायोजन नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि यह राशि घटने की जगह बढ़ती जा रही है। इससे यह स्पष्ट हो रहा कि राशि समायोजन के प्रति अभिरूचि नहीं है। उन्होंने कोषागार नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि छह माह के अंदर एसी बिल का समायोजन महालेखाकार कार्यालय में कराया जाना जरूरी है। वहीं राज्य में सीएफएमएस वित्त प्रणाली लागू हो गई है। इसके अनुसार एसी बिल का सामंजन डीसी बिल से नहीं होने पर रिलेक्शेसन नहीं मिल सकेगा। अगर इस कारण से निर्वाचन प्रक्रिया में राशि की निकासी नहीं होगी तो इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसे देखते हुए असमायोजित राशि का समायोजन एक सप्ताह में कराना सुनिश्चित कराएं।

पटना, गया व मुजफ्फरपुर में सर्वाधिक असमायोजित राशि

महालेखाकार की सूची के अनुसार दो सौ 20 करोड़ से अधिक की राशि का समायोजन नहीं हो सका है। इसमें सर्वाधिक 34 करोड़ 97 लाख रुपये पटना, 11 करोड़ 97 लाख रुपये गया व 10 करोड़ 20 लाख रुपये मुजफ्फरपुर जिला निर्वाचन कार्यालय ने समायोजित नहीं कराए हैं। गया के एक भी बिल का समायोजन नहीं कराया गया है। ऐसे जिले की संख्या 12 है। इसमें औरंगाबाद, बक्सर, दरभंगा, जमुई, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर व सीतामढ़ी भी शामिल हैं। जबकि मुजफ्फरपुर के 46 एसी बिलों का समायोजन कराया जाना है। बिल के मामले में बेगूसराय के सर्वाधिक 65 बिलों का समायोजन कराया जाना है। पश्चिम चंपारण का स्थिति सबसे बेहतर है। यहां महज पांच लाख 70 हजार रुपये के दो एसी बिल का समायोजन कराना है।


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