रवींद्र सरोवर में छठ पूजा की अनुमति देने से एनजीटी का इनकार, सुप्रीम कोर्ट जाएगी बंगाल सरकार
झटका- केएमडीए ने छठ पूजा करने की अनुमति देने के लिए दायर की थी अर्जी। एनजीटी ने गुरुवार को इसे खारिज कर दिया। राज्य सरकार रवींद्र सरोवर में छठ पूजा को लेकर अडिग।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कोलकाता के रवींद्र सरोवर में छठ पूजा करने की सशर्त अनुमति देने संबंधी बंगाल सरकार की अर्जी को गुरुवार को खारिज कर दिया। एनजीटी ने साफ कहा कि रवींद्र सरोवर में छठ पूजा की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा।
एनजीटी के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात
इधर, एनजीटी के इस फैसले के खिलाफ कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण (केएमडीए) ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। दरअसल, राज्य सरकार के अंतर्गत केएमडीए ने सरोवर में इस बार बगैर किसी बाधा के छठ पूजा संपन्न हो उसके लिए पहले ही एनजीटी से गुहार लगाई थी।
आश्वासन-छठ पूजा दौरान सभी मानदंडों का पालन हो
केएमडीए ने यह भी आश्वासन दिया था कि छठ पूजा के दौरान सभी मानदंडों का पालन किया जाएगा, लेकिन एनजीटी ने उसकी अर्जी को ठुकरा दिया। हालांकि राज्य सरकार इस बार सरोवर में छठ पूजा को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ है।
संशय-छठ पूजा नहीं होने से हिंदीभाषी नाराज हो जाएंगे
तृणमूल सरकार को लग रहा है कि यहां छठ पूजा नहीं होने से हिंदीभाषी नाराज हो जाएंगे। ऐसे में सरकार पूरी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। इसीलिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है।
पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता ने किया इस फैसले का स्वागत
इधर, जाने-माने पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता ने एनजीटी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार को प्रदूषण की कोई चिंता नहीं है। यह मामला धर्म का हो गया है और सरकार को लग रहा है कि हमारा वोट बैंक न गड़बड़ा जाए इसीलिए वह यहां छठ पूजा का आयोजन कराना चाहती है।
पहले रवींद्र सरोवर थी छठ पूजा करने की पूरी इजाजत
बताते चलें कि रवींद्र सरोवर में 30,000 से ज्यादा लोगों की भीड़ छठ पूजा के दौरान उमड़ती है। गंगा घाट से दूर दक्षिण कोलकाता में यह एकमात्र विशाल सरोवर है जहां लोग छठ पूजा करते हैं।
साल 2016 और 17 के बाद से लग गया पूरी तरह ब्रेक
केएमडीए के एक अधिकारी ने बताया कि साल 2016 और 17 में एनजीटी ने सरोवर में छठ पूजा करने की अनुमति दी थी। उसके बाद से यहां छठ पूजा के लिए पूरी तरह रोक लगा दी गई थी।
सरोवर में प्रदूषण होता है, पक्षियों को नुकसान पहुंचता है
पर्यावरणविद सुभाष दत्ता ने 2018 में याचिका दाखिल कर कहा था कि सरोवर में छठ पूजा के कारण प्रदूषण होता है और वहां के पक्षियों को नुकसान पहुंचता है इसलिए पूजा की इजाजत न दी जाए। इसके बाद एनजीटी ने 2018 से ही वहां छठ पूजा पर रोक लगा दी थी।
पिछले साल भी बवाल हुआ था, सरकार ने अर्जी दायर की
हालांकि एनजीटी की रोक के बावजूद लोग यहां छठ पूजा के लिए पहुंच जाते हैं। इसको लेकर पिछले साल भी काफी बवाल हुआ था। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने इस बार पहले ही इसकी अनुमति के लिए अर्जी दायर की थी।