Hyderabad Doctor Murder Case: दुष्कर्मियों को 6 महीने के भीतर फांसी को लेकर स्वाति का धरना जारी
स्वाति जयहिंद पिछले साल भी दिल्ली के चर्चित और वीभत्स मामले को लेकर आमरण अनशन पर बैठी थीं और उन्होंने महिलाओं के लिए मजबूत कानून बनाने का मांग की थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हैदराबाद में महिला डॉक्टर व राजस्थान में छह साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और मर्डर की घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर राजघाट दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद (Swati Jaihind, Delhi Commission for women) का धरना लगातार बुधवार को भी जारी है। वह दुष्कर्मियों को छह महीने में फांसी देने के कानून को लागू कराने और कानून व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की मांग कर रही हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक वह कानून लागू होते अपनी आंखों से नहीं देख लेंगी तब तक अनशन से नहीं उठेंगी।
इससे पहले मंगलवार को राजधानी दिल्ली की महिलाओं में आक्रोश देखने को मिला। मंगलवार सुबह दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर नमन किया। इसके बाद जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठ गईं। इस बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने को भारी पुलिस बल तैनात रहा।
जयहिंद पिछले साल भी दिल्ली के चर्चित और वीभत्स मामले को लेकर आमरण अनशन पर बैठी थीं और उन्होंने महिलाओं के लिए मजबूत कानून बनाने का मांग की थी। इसके बाद संसद ने फांसी की सजा का कानून बनाया था। इसके बावजूद दुष्कर्म की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई। हैदराबाद व राजस्थान की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश के हर कोने में बेटियां इस घिनौने अपराध का शिकार हो रही हैं। यह बेटियां भले ही हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी चीखें शांति से बैठने नहीं दे रहीं। उन पर क्या गुजरी होगी यह सोचकर ही रूह कांप जाती है। बयानबाजी नहीं अब दुष्कर्मियों को सजा दिलाए जाने के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है। पुलिस की संवेदनशीलता और राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही यह संभव होगा। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के सीएम और मंत्री के दुष्कर्म मामले में आए बयान गलत हैं, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। जयहिंद ने आरोप लगाया कि जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के इशारे पर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह अब संसद में बैठे जनता के नुमाइंदों की नींद उड़ाकर ही दम लेंगी।
प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख दुष्कर्म के आरोपितों को दोष सिद्ध होने पर छह महीने के अंदर फांसी देने की भी मांग की है। साथ ही कानून को क्रियान्वित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए पुलिस बल को बढ़ाने और उनकी जवाबदेही तय करने की भी मांग की है। कानून बनाना भर काफी नहीं है। महिला सुरक्षा को लेकर दिल्ली महिला आयोग दिन-रात काम करता है। इसके बाद भी बेटियों के साथ दुष्कर्म होता है, तो यह सब बेमानी लगता है।
देर रात राजघाट पर शुरू किया अनशन
जंतर-मंतर से हटाए जाने के बाद देर रात स्वाति ने राजघाट के पास समता स्थल पर अनशन शुरू कर दिया। दरअसल, दिन में जयहिंद को बार-बार पुलिस की तरफ से प्रदर्शन को खत्म करने की चेतावनी मिलती रही, लेकिन वह नहीं हटीं। इसके चलते महिलाओं और पुलिस के बीच कई बार कहासुनी भी हुई। पुलिस का कहना था आयोग को शाम पांच बजे तक धरना करने दिया था, लेकिन महिलाएं फिर भी प्रदर्शन कर रही थीं। यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन है।
वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कहा कि उन्हें राजघाट पर प्रदर्शन करने नहीं दिया गया, इसके चलते उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना पड़ा। प्रशासन से सिर्फ यह कहा था कि जब राजघाट पर बैठने की अनुमति मिल जाएगी तभी वह जंतर-मंतर से हटेंगी। लेकिन, जब पुलिस ने बार-बार हटने को कहा तो उन्हें देररात राजघाट की तरफ रुख करना पड़ा।