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कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति ने स्थिति को अनुकूल बनायाः मनोहर लाल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। कोविड-19 महामारी के दौरान हमारी दिनचर्या बदली।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 03:48 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 03:48 PM (IST)
कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति ने स्थिति को अनुकूल बनायाः मनोहर लाल
कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति ने स्थिति को अनुकूल बनायाः मनोहर लाल

रेवाड़ी, महेश कुमार वैद्य। इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय-मीरपुर (रेवाड़ी) में चल रहे मूक्स एंड मूडल बेस्ड लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम आधारित सात दिवसीय फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का सोमवार को समापन हो गया। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने अपने समापन भाषण में शिक्षकों, छात्रों व आम नागरिकों को बड़ा संदेश देते हुए कहा कि बेशक कोरोना महामारी ने सब कुछ अनिश्चित कर दिया है, मगर हमें इस अनिश्चिता के बीच ही सुनहरे भविष्य की राह निकालनी है।

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‘आवश्यकता आविष्कार की जननी है’ की कहावत का जिक्र करते मनोहरलाल ने कहा कि न रुकें, न थमें। बस बढ़ते चलें और पढ़ते चलें। पढ़ाई सिर्फ किताबी न हो। विद्यार्थी को संस्कारित व जिम्मेदार नागरिक बनाने वाली हो। आत्मनिर्भर भारत का प्रधानमंत्री का सपना तभी पूरी होगा तब हर व्यक्ति देश के लिए अपना अधिकतम देगा।

मूक्स (आनलाइन उपलब्ध सामग्री) व मूडल (विशेष एप) आधारित शिक्षा पद्धति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने फैक्लटी डेवलेपमेंट प्रोग्राम की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जरूरी निर्देश दे चुकी है। अब आइटी के अधिकाधिक संसाधनों के बेहतर उपयोग के साथ काम करना है। कोविड महामारी के दौरान विभिन्न प्लेटफार्म उपलब्ध हुए हैं। अब तक ऐसे हजारों पाठ्यक्रम तैयार किए जा चुके हैं, जिनसे घर बैठे विद्यार्थियों की जरूरत काफी हद तक पूरी हो रही है। यह शिक्षकों का दायित्व है कि वह किस तरह के छात्र तैयार करते हैं। हमें राष्ट्रनिर्माताओं को तैयार करना है। अनिश्चिता के माहौल को निश्चितता के माहौल में बदलना है।

डिग्री फार डेकोरेशन नहीं

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि डिग्री केवल शोपीस नहीं होनी चाहिए। यह डेकोरेशन की वस्तु नहीं है। डिग्री का मतलब राष्ट्र निर्माण में योगदान के काबिल इंसान बनाना है। अच्छे नागरिक तैयार करने हैं। रोजगार परक शिक्षा देनी है। ऐसे नागरिक जिन्हें अपने इतिहास पर गर्व हो। उन्होंने कहा कि यह पता नहीं है कि कोरोना का संकट कब तक दूर होगा, मगर यह उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे छात्रों का अहित नहीं होगा। विश्वविद्यालयों के स्तर पर चल रही परीक्षाओं की तैयारी के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय जो भी निर्णय लें, उसमें छात्र का हित देखें।

आनलाइन का महत्व बताते हुए गिनवाई उपलब्धियां

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने ऑनलाइन का महत्व बताते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां भी बताई। उन्होंने कहा कि कारोना संकट के समय पूरे प्रदेश में किसी को भूखा नहीं रहने दिया गया। 16 लाख परिवारों के बैंक खातों में 3 से 5 हजार रुपये मासिक की राशि भेजी गई। जिनके पास राशनकार्ड नहीं था, उनके लिए डिस्ट्रेश कूपन की व्यवस्था की गई। दूसरे राज्यों के लोगों को ट्रेनों व बसों से उनके गांव भेजने के लिए आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई। काल सेंटरों के माध्यम से समस्याओं को सुलझाया गया। इससे पूर्व कुलपति प्रो. एसके गक्खड़ ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।


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