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2012 Nirbhaya case: निर्भया की मां ने लिखा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र

निर्भया की मां ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की मांग की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 07:33 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 07:33 PM (IST)
2012 Nirbhaya case: निर्भया की मां ने लिखा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र
2012 Nirbhaya case: निर्भया की मां ने लिखा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र

नई दिल्ली, प्रेट्र। निर्भया की मां ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की मांग की है। अपने वकील के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि सात साल से वह न्याय का इंतजार कर रही हैं। न्याय की प्रतीक्षा और लंबी होती जा रही है। इन सात वर्षों में वह बहुत मानसिक आघात और पीड़ा सहन की हैं।

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दरअसल 2012 वंसत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा पाये चारों आरोपितों में से एक विनय शर्मा ने दया याचिका दाखिल की है। दिल्ली सरकार ने दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश उपराज्यपाल से की थी। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दया याचिका नामंजूर कर दी थी। इसके बाद दया याचिका वाली फाइल को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने भी फाइल राष्ट्रपति को भेजते हुए दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है। अब राष्ट्रपति ही अंतिम फैसला लेंगे कि दोषी विनय शर्मा को फांसी मिलनी चाहिए या नहीं। 

कोर्ट में भी दाखिल की है याचिका 

निर्भया की मां ने दिल्ली की एक अदालत में भी याचिका दाखिल कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग की है। इस याचिका पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल और बचाव पक्ष को नोटिस जारी कर13 दिसंबर तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने बचाव पक्ष से फांसी के मामले पर याचिकाओं की स्थिति के बारे में जानकारी देने को कहा है।

भावुक हो गई थीं निर्भया की मां

29 नवंबर को मामले की सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि जब तक दोषियों की तरफ से फांसी को रोकने को लेकर सारे कानूनी उपाय खत्म नहीं हो जाते तब तक दोषियों को फांसी देने के लिए वारंट जारी नहीं किया जाएगा। इसके बाद कोर्ट परिसर के बाहर निर्भया की मां काफी मायूस दिखीं थी और वह भावुक भी हो गई थीं।

बता दें कि दिसंबर 2012 में वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। इस मामले में छह लोग आरोपित बनाए गए थे। इनमें से एक तिहाड़ कोर्ट में खुदकुशी कर लिया था। जबकि एक नाबालिग को तीन साल की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने बाल सुधार गृह में भेज दिया था। कोर्ट ने चार दोषियों मुकेश, पवन, और विनय शर्मा को फांसी की सजा सुनाई। चारों दोषियों में से सिर्फ विनय ने दया याचिका दाखिल की है। 

 ये भी पढ़ेंः 2012 Nirbhaya case: दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास भेजा

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