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उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, रमजान में लॉकडाउन न खोलने की मांग

Coroanvirus Lockdown देश के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के पौत्र फिरोजबख्त अहमद ने माहे रमजान में लॉकडाउन न खोलने की मांग की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 06:25 PM (IST)
उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, रमजान में लॉकडाउन न खोलने की मांग
उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, रमजान में लॉकडाउन न खोलने की मांग

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। देश में कोरोना के 30 फीसद मामले तब्लीगी जमात से होने के मामले के बीच मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू) हैदराबाद के कुलाधिपति (चांसलर) फिरोजबख्त अहमद ने माहे रमजान में लॉकडाउन न खोलने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। पत्र में उन्होंने आशंका जताई है कि 3 मई के बाद लॉकडाउन हटाया गया और लोगों को बाहर निकलने की आजादी दी गई तो इससे देश में वैश्विक महामारी कोरोना विकराल रूप धारण कर लेगा।

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उन्होंने प्रधानमंत्री से 24 मई तक लॉकडाउन को बरकरार रखने का आग्रह किया है। इसके साथ ही पत्र में उन्होंने डॉक्टर्स, नर्स व पुलिसकर्मी पर हमले को लेकर मुस्लिम समाज की ओर से माफी भी मांगी है।

मौलाना अबुल कलाम आजाद के पौत्र हैं फिरोज बख्त अहमद 

देश के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के पौत्र व दिल्ली निवासी फिरोज बख्त अहमद ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि दूसरे देशों में कोरोना के आंकड़े को देखकर यह आशंका है कि देश में यह 8-9 मई तक यह अपने उच्चतम स्तर पर होगा। इस बीच इसके पहले लॉकडाउन खोला गया तो तब्लीगी जमात से जुड़े लोग काफी अधिक संख्या पर बाहर निकलने लगेंगे। यह अभी ही काबू में नहीं आ रहे हैं। तब यह नमाज पढ़ने मस्जिदों में इकट्ठा होंगे। इफ्तार दावतों का आयोजन करेंगे। यह स्थिति कोरोना को देश में भयावह बनाएगी।

रमजान माह में लॉकडाउन पर धर्मगुरुओं बंटे

फिरोजबख्त अहमद के पूरे रमजान माह लॉकडाउन की मांग पर मुस्लिम धर्मगुरु बंटे हुए हैं। कश्मीरी गेट स्थित शिया जामा मस्जिद के शाही इमाम मोहसिन तकवी ने कहा कि अगर लॉकडाउन बीच में हटाया गया तो अभी तक की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। ऐसे में सरकार को विशेषज्ञों से चर्चा कर लगे कि लॉकडाउन आगे भी बढ़ाना है तो बढ़ाना चाहिए। वहीं, फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती डा मुकर्रम अहमद ने कहा कि यह मामला सरकार पर ही छोड़ देना चाहिए। जहां तक मुसलमानों का सवाल है तो कुछ को छोड़ककर सभी पूरी तरह से सरकार के साथ है। इसीलिए जुमे की नमाज और शबेबारात लोगों ने घरों में ही मनाया है।


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