मोदी-अमित शाह तक सुनी जाती है राव इंद्रजीत सिंह की बात, एक और विरोधी हुआ चित
प्रदेश इकाई में राव इंद्रजीत सिंह की पकड़ बेशक कमजोर हो मगर हाईकमान की आंख-कान की भूमिका निभा रहे प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन से लेकर सीधे मोदी और शाह तक उनकी बात सुनी जाती है।
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। अरविंद यादव को प्रदेश उपाध्यक्ष पद से मुक्त करना सिर्फ एक पदाधिकारी की छुट्टी नहीं है, बल्कि इससे यह साबित हो गया है कि भाजपा के दिल्ली दरबार में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का सिक्का चलता है। प्रदेश इकाई में उनकी पकड़ बेशक उनकी कुछ कमजोर हो, मगर हाईकमान की आंख-कान की भूमिका निभा रहे प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन से लेकर सीधे मोदी और शाह तक उनकी बात सुनी जाती है।
भाजपा में संगठन चुनावों का सिलसिला शुरू हो चुका है। ऐसे में कुछ समय बाद नई कार्यकारिणी गठित होनी ही थी। तब अगर अरविंद को शामिल नहीं किया जाता तो संदेश राव के पक्ष में नहीं जाता। कुछ महीने पहले प्रदेश उपाध्यक्ष पद से मुक्त करवाकर राव ने लोगों के बीच पार्टी में अपनी चौधर चलने का संदेश दिया है। राव ने ऐसा पहली बार नहीं किया है।
विधानसभा चुनावों में जहां रेवाड़ी की प्रतिष्ठापूर्ण सीट से रणधीर सिंह कापड़ीवास व अरविंद यादव को टिकट की रेस से बाहर करके राव ने अपने खास समर्थक सुनील मुसेपुर को टिकट दिलवाई, वहीं चुनाव बाद नांगल चौधरी के विधायक अभय सिंह यादव को मंत्री बनने से रोककर समर्थक नारनौल के विधायक ओम प्रकाश यादव को शपथ दिलवाई।
इससे पूर्व बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह व अटेली से संतोष यादव की टिकट पर कैंची चलवाकर उन्होंने यह साबित किया था कि अहीरवाल के वही बेताज बादशाह है। इससे पहले जगदीश यादव की पार्टी में एंट्री पर टिकट न लेने देने का खुला चैलेंज पूरा किया।
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष व डॉ. अनिल जैनं राव की बातों को इसलिए खास तवज्जो दे रहे हैं, ताकि राज्य सरकार सही तालमेल से चले। राव इंद्रजीत सिंह की चौधर को ललकारने के लिए जल्दी ही एक नया फ्रंट तैयार होने की चर्चाएं शुरू हो गई है। इसकी पहल गुरुग्राम से हुई है। यह कहा जा रहा है कि राव अहीरवाल का नुकसान कर रहे हैं। देखना यह है कि राव की चौधर को एंटी राव लाबी किस हद तक चुनौती दे पाती है। फिलहाल तो पलड़ा राव बिरेंद्र के साहबजादे का ही भारी दिख रहा है।
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