Gandhi Jayanti 2019: पीएम मोदी गांधी के सपने को कर रहे साकार - जेपी नड्डा
नजफगढ़ के खैरा गांव में आयोजित गांधी संकल्प यात्रा की शुरुआत पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बापू के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रम पूरे साल चलेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। Gandhi Jayanti 2019: भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद गांधी के आदर्शों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार करने में जुटे हैं। चाहे मेक इन इंडिया हो या स्वच्छ भारत अभियान, ये तमाम कार्य बापू के आदर्शों पर ही आधारित हैं। अब समय आ गया है कि जब उनके आदर्शों को जन- जन तक पहुंचाया जाए। नजफगढ़ के खैरा गांव में आयोजित गांधी संकल्प यात्रा की शुरुआत पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बापू के संदेशों को जन- जन तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन पूरे साल चलेगा।
गांधी ने दुनिया को दिया संदेश
जिन बातों व सिद्धांतों पर वे जीवनपर्यंत चले उन बातों को हमें अपनी जीवनशैली में आत्मसात करें, यही इन कार्यक्रमों का लक्ष्य है। महात्मा गांधी सिर्फ राजनीतिक नेता नहीं थे। उनका नेतृत्व आध्यात्मवाद व सामाजिकता से भरा था। गांधी दर्शन पर आधारित सात बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बिना काम का धन, विवेकरहित खुशी, बिना चरित्र के ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान व त्याग के बिना धन व सिद्धांत के बिना राजनीति कभी नहीं करनी चाहिए। यह संदेश गांधी ने दुनिया को दिया। सत्याग्रह व अहिंसा का राह दिखाया। उनके बताए रास्ते पर चलकर दुनिया में कई देशों ने स्वतंत्रता पाई।
अंग्रेजों को कमजोर करने की बनाई रणनीति
दक्षिण अफ्रीका इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। नेल्सन मंडेला गांधी से प्रेरणा लेने वालों में से थे। आज के समय की बात करें तो दुनिया में विचारों की दृष्टि से उनका गांधी का महान योगदान है। स्वदेशी, स्वराज्य, स्वाबलंबन, स्वचछता, सत्याग्रह, अहिंसा जैसी बातें उनके जीवन दर्शन में समाहित थी। इन बातों के गहरे मायने थे। वे यदि स्वदेशी की बात करते थे तो इसलिए क्योंकि उन्हें पता था कि अंग्रेजों को कमजोर करने के लिए हमें उनके देश में निर्मित वस्तुओं पर निर्भर नहीं होना चाहिए। यदि हम विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं तो इसका लाभ हमें नहीं बल्कि विदेशियों को होगा।
गांव के लोगों को मिलेगा लाभ
यदि हम देश में बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं तो इसका लाभ हमारे गांव, हमारे किसान, यहां के लोगों को मिलेगा। आजादी के संघर्ष में उन्होंने अहिंसा की बात की क्योंकि वे जानते थे यदि हम हिंसा का सहारा लेंगे तो अंग्रेजों को दमन का बहाना मिल जाएगा। वे रक्तपात पर उतर आएंगे। उन्होंने दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय स्वाबलंबन की बात कही। उन्होंने चरखा को बढ़ावा दिया।
हर जगह रखते थे स्वच्छता का ख्याल
वे स्वच्छता की बात करते थे। स्वच्छता को लेकर वे खुद भी सजग रहते थे। वे जहां भी जाते, यदि उन्हें गंदगी नजर आती तो खुद ही सफाई में जुट जाते थे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वच्छता के क्षेत्र के किए गए कार्यों के लिए ग्लोबल गोलकीपर का पुरस्कार दिया गया है। गांधी पर्यावरण की बात करते थे। आज हमारी कोशिश है कि हम एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करें। भारतीय जनता पार्टी के किसी भी कार्यालय में अब सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा।