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JNU Students Protest : छात्र संघ ने कहा, जारी रहेगी हड़ताल; नहीं किया जाएगा मांगों से समझौता

JNU Students Protest छात्र संघ ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि हड़ताल जारी रहेगी। छात्र संघ के चारों प्रतिनिधियों ने समिति को अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन भी सौंपा।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 07:30 AM (IST)
JNU Students Protest : छात्र संघ ने कहा, जारी रहेगी हड़ताल; नहीं किया जाएगा मांगों से समझौता
JNU Students Protest : छात्र संघ ने कहा, जारी रहेगी हड़ताल; नहीं किया जाएगा मांगों से समझौता

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को कैंपस के प्रशासनिक भवन में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा विश्वविद्यालय में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए गठित की गई उच्चस्तरीय समिति के साथ बैठक की। इसमें कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया। छात्र संघ ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि हड़ताल जारी रहेगी। छात्र संघ के चारों प्रतिनिधियों ने समिति को अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन भी सौंपा।

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तीन सदस्यों की इस समिति के अध्यक्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वीएस चौहान हैं। अखिल भारतीय तकनीकी परिषद (एआइसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन भी इसमें शामिल हैं। उनके साथ जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून, महासचिव सतीश चंद्र यादव और संयुक्त सचिव एम दानिश की शुक्रवार शाम को बैठक हुई। बैठक शाम 4 बजे शुरू हुई और 6 बजे खत्म हुई। इसके बाद आईशी घोष ने कहा कि छात्रों की हड़ताल जारी रहेगी, मांगों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वहीं, उच्चस्तरीय समिति ने छात्र संघ से कहा कि वह एमएचआरडी को इस मामले में तीन दिन में रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद कोई निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।

साकेत मून ने कहा कि प्रशासन द्वारा बढ़ाई गई छात्रावास की फीस तुरंत वापस ली जाए। हॉस्टल के नए नियमों को लेकर इंटर हॉल एडमिनिस्ट्रेशन (आइएचए) समिति की बैठक दोबारा हो और इसमें छात्र संघ के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। हॉस्टल के नियम संस्थान के लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत ही बातचीत करके लागू किए जाएं। इसका फैसला उच्चस्तरीय समिति न करे।

कुलपति के इस्तीफे की मांग

कैंपस में तब तक सामान्य स्थिति की बहाली नहीं हो सकती है जब तक मौजूदा कुलपति अपने पद से इस्तीफा न दे दें। छात्र संघ ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति ने अपने कार्यकाल में छात्र संघ के प्रतिनिधियों को अकादमिक परिषद (एसी) और कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में शामिल नहीं किया। उच्चस्तरीय समिति की तरफ से एक जांच समिति बनाई जाए और वह कुलपति के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए उनके इस्तीफे के निर्णय तक पहुंचे।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की शिकायत

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से सोमवार की घटना को लेकर पुलिस व केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के खिलाफ शिकायत की है। छात्रों का कहना है कि सोमवार को जेएनयू से संसद की और जाने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रों ने शांतिपूर्ण मार्च निकाला था। इस दौरान दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ ने बल प्रयोग किया, जिसमें छात्र घायल हुए। शुक्रवार को जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के काउंसिलर एवं एनएसयूआइ के सदस्य विष्णु प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि तीन छात्रों की तरफ से एनएचआरसी में शिकायत की गई है।

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