कन्हैया मामले मे कोर्ट के आदेश के बाद बोले केजरीवाल, जल्द लिया जाएगा फैसला
जेएनयू देशद्रोह मामले में कोर्ट ने तीन अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके बाद अब इस मामले में हलचल बढ़ गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। JNU sedition case: चार साल पहले नौ फरवरी, 2016 को दिल्ली में देशविरोधी नारे लगाने के मामले में आज दिल्ली की एक कोर्ट में सुनवाई हुई। जेएनयू देशद्रोह मामले में कोर्ट ने तीन अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके बाद अब इस मामले में हलचल बढ़ गई है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सबंधित विभाग को जल्द ही फैसला लेने के लिए कहा जाएगा।
बुधवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने दिया आदेश
आज बुधवार को जब कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की है तब इस मामले में तेजी आ गई है। जेएनयू देशद्रोह का मामले की कड़ी में कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार को इस मामले में तेजी लाने के लिए पत्र लिखा है। वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं इस मामले में वह विभाग नहीं देख रहा हूं। मैं संबंधित व्यक्ति के लिए फैसले बदल तो नहीं सकता, मगर इतना जरूर कह सकता हूं कि संबधित विभाग को जल्द फैसला लेने के लिए कहा जाएगा।
आज क्या हुआ
जेएनयू देशद्रोह मामले में पटियाला हाउस की एक अदालत ने सरकार से कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी से संबंधित प्रगति रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने कहा कि 3 अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करें। साथ ही दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए सरकार को फिर से लिखें।
पहले क्या हुआ था
इससे पहले पिछले साल 18 सितंबर को अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा था कि एक माह में तय करें कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पर देशद्रोह का मुकदमा चलाना है या नहीं। दिल्ली पुलिस ने जेएनयू देशद्रोह प्रकरण में पिछले साल 14 जनवरी को आरोपपत्र दायर किया था। इसमें जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित अन्य छात्रों को आरोपित बनाया गया था। लेकिन, अभी तक इस आरोपपत्र पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दिल्ली सरकार से नहीं मिली है। अदालत पहले भी पुलिस और सरकार से इस बारे में जवाब मांग चुकी है।
चार साल पहले का है मामला
बता दें कि कन्हैया कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य लोगों के खिलाफ 9 फरवरी, 2016 को जेएनयू कैंपस में देशद्रोह के नारों का समर्थन करने और जुलूस निकालने का आरोप है।