'जहां झुग्गी-वहां मकान' योजना शुरू करेगा केंद्र, दिल्ली के लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि 1731 अनाधिकृत कालोनियों के वैध होने से इनमें रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। जिन्हें इसका मालिकाना हक मिलेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। झुग्गी या झोपड़-पट्टी में रहने वालों लोगों के लिए फिलहाल एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार जल्द ही ऐसे लोगों के लिए 'जहां झुग्गी-वहां मकान' नाम से एक बड़ी योजना लेकर आ रही है। जिसके तहत दो कमरे का मकान उपलब्ध कराया जाएगा। इसे लेकर सर्वे का काम शुरु हो गया है। सरकार का लक्ष्य 2022 तक सभी को घर मुहैया कराना है।
मंत्री हरदीप पुरी ने दी जानकारी
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र दिल्ली की अनधिकृत काॅलोनियों से जुड़े विधेयक को पेश करते हुए यह जानकारी दी। इसके साथ ही यह विधेयक राज्यसभा से भी पारित हो गया है।
अब तक बन चुके हैं 97 लाख घर
लोकसभा से यह 28 नवंबर को ही पारित हो चुका है। वहीं विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि सबका अपना घर होना चाहिए। इसके तहत करीब सवा करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा था। जिसमें अब तक 97 लाख बन चुके है। करीब 30 लाख लोगों को घरों की चाभियां भी सौंपी जा चुकी है।
सबसे बेहतर प्रदर्शन यूपी का
इनमें यूपी ने सबसे बेहतर काम किया है, जिन्होंने 14 लाख से ज्यादा मकान बनाए है। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी विधेयक पर बोलते हुए कहा कि सरकार जल्द ही दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 20 लाख लोगों को भी न्याय देने जा रही है। सर्वे का काम शुरू हो गया है। 32 ऐसी काॅलोनियों का सर्वे हो गया है, बाकी के 160 के सर्वे का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा नारा होगा, कि जहां झुग्गी वहां मकान, यही नरेंद्र मोदी सरकार का है इंसाफ।
आप और भाजपा में हुई नोक-झोंक
राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा सांसदों के बीच कई बार नोक-झोंक भी हुई, बावजूद इसके विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया है। विधेयक पर चर्चा में करीब 18 सदस्यों ने हिस्सा लिया। विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा सासंद भूपेन्द्र यादव ने कहा इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात और क्या होगी कि इन काॅलोनियों में रहने वाले के पास घर तो है, लेकिन उनके पास अब तक इसका मालिकाना हक नहीं था।
पानी टैंकर का उठा मुद्दा
वह यह सिद्ध नहीं कर सकते थे। जो अब उन्हें मिल सकेगा। उन्होंने दिल्ली में पानी टैंकर माफिया का भी मुद्दा उठाया जिस पर आम आदमी पार्टी सांसदों ने तीखी आपत्ति जताई। इस पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के साथ ही हर घर को नल भी दिया जाएगा। वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन ने विधेयक को स्थाई समिति को भेजने की मांग की, हालांकि चर्चा के जबाव में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है। यह एक बार की व्यवस्था है।
राज्य सरकार का जिक्र नहीं होने पर सपा सांसद ने जताई आपत्ति
सपा सांसद जावेद अली खान ने विधेयक में राज्य सरकार की भूमिका का जिक्र न होने पर आपत्ति जताई। इसका जबाव देते हुए पुरी ने कहा कि करीब 11 साल पहले ही इन काॅलोनियों के डिजिटल मैपिंग का काम पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन, राज्य सरकार ने कोई काम ही नहीं किया। ऐसे में अब हम इसे 31 दिसंबर तक पूरा करने का फैसला लिया है।
आप ने उठाए सवाल
विधेयक पर आम आदमी पार्टी सासंद संजय सिंह ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कि अब तक इसे क्यों नहीं किया गया। पांच साल बाद ही इसकी याद क्यों आयी। साथ ही इसे दिल्ली के लोगों को चुनाव में भटकाकर वोट लेने की कोशिश बताया। उन्होंने विधेयक में 180 दिन में लोगों को मालिकाना हक देने के वादे पर संदेह जताया। वहीं भाजपा सांसद विजय गोयल ने आप सासंद के सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह कोई चुनावी स्टंट नहीं, बल्कि हम करने जा रहे है। वैसे तो इसे दिल्ली सरकार को ही करना था। जो नहीं किया। चर्चा में इसके साथ ही कांग्रेस नेता कुमारी सेलजा, दिग्विजय सिंह, सीपीआई सांसद विनॉय विस्वम आदि शामिल थे।
40 लाख परिवारों को मिलेगा फायदा
विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि 1731 अनाधिकृत काॅलोनियों के वैध होने से इनमें रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। जिन्हें इसका मालिकाना हक मिलेगा। साथ ही इन काॅलोनियों का विकास भी होगा। इसके साथ ही इन घरों में रहने वालों लोगों को इसके आधार पर बैंक लोन, नए सिरे घर के निर्माण आदि की सुविधा भी मिलेगी।