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Farmer Protest: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर बोले, एक-दो दिन में निकलेगा हल, दस सूत्रीय प्रस्तावों से आगे भी संशोधन को तैयार केंद्र

कृषि मंत्री से मिलने के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मामले को लेकर एक- दो दिन में हल निकल जाएगा। सीएम खट्टर ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि अगले 2-3 दिन में सरकार और किसानों में बात हो सकती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 09:17 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 07:39 AM (IST)
Farmer Protest: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर बोले, एक-दो दिन में निकलेगा हल, दस सूत्रीय प्रस्तावों से आगे भी संशोधन को तैयार केंद्र
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार कृषि सुधार कानूनों को लेकर नौ दिसंबर को दिए 10 सूत्रीय संशोधन प्रस्तावों से भी आगे संशोधन को तैयार है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह संकेत दिए। उन्होंने कहा कि किसान संगठन हां या ना के जवाब की जिद छोड़कर आगे आएं तो सरकार बातचीत को तैयार है।केंद्र और किसान संगठनों के बीच मध्यस्थता कर रहे मनोहर लाल ने शनिवार सायं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी। किसान संगठनों से मिले फीडबैक के आधार पर मनोहर लाल की तोमर के साथ यह चौथी मुलाकात थी।

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उनका मानना है कि अगले एक या दो दिन में केंद्र और किसानों के बीच बातचीत का रास्ता निकलेगा। किसानों को तय प्रावधानों के अनुसार अपने संशोधन प्रस्ताव सरकार को देने चाहिए ताकि बातचीत के लिए आधार बन सके। किसानों की तरफ से मिलने वाले संशोधन प्रस्तावों पर केंद्र सरकार सकारात्मक रुख अपनाएगी।

कृषि मंत्री की चिट्ठी को अवश्य पढ़ें

पंजाब के किसानमनोहर लाल ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री तोमर की चिट्ठी पंजाब के किसानों को अवश्य पढ़नी चाहिए। उन्होंने यह भी माना कि इस चिट्ठी को पंजाबी में भी जारी किया जाना चाहिए ताकि पंजाब के किसान इसमें कही बातों को आसानी से समझ सकें।

एसवाईएल के मुद्दे को गंभीरता से ले पंजाब

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल नहर निर्माण का मुद्दा बड़ा है। पंजाब को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान पंजाब या हरियाणा का नहीं बल्कि किसान होता है। पंजाब में पानी की अधिकता है। रावी-ब्यास नदियों का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान जा रहा है। ऐसे में दक्षिण क्षेत्र में पानी की कमी से जूझ रहे हरियाणा को पानी देने के लिए पंजाब को पहल करनी चाहिए। हरियाणा के किसान 1987 से इसे राजनीतिक रूप से भी उठा रहे हैं।

ज्ञात हो कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्र और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का 24 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी है। हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। मोदी सरकार का कहना है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए तभी वार्ता संभव है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को समझाने के लिए आठ पन्‍नों की चिट्ठी लिखी थी। इसमें कानून की खूबियां बतार्इ गई थीं, साथ ही भ्रमित करने वालों से सावधान रहने के लिए कहा था। बाद में पीएम मोदी ने भी मध्‍य प्रदेश के किसानों से बात करते हुए कानून के फायदे बताए थे।

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