EXCLUSIVE: MLA बनते ही नरवाल ने दिखाए आक्रमक तेवर, 'भाजपा ने जो घोषणाएं की थी पूरी करवाकर लूंगा दम'
विधायक बनते ही नरवाल ने आक्रमक तेवर दिखाते हुए कहा कि चुनाव से पहले लोगों के वोट लेने के लिए गठबंधन ने जो वायदे किए थे उन्हें पूरे करवा कर ही दम लूंगा। दैनिक जागरण के परमजीत सिंह ने इंदुराज नरवाल से जीत के बाद विस्तार से बातचीत की।
सोनीपत। बरोदा हलका का उपचुनाव जीते इंदुराज नरवाल की हलके के लोगों के प्रति जवाबदेही और विकास कराने की चुनौती बढ़ गई है। प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार है और नरवाल विपक्षी दल कांग्रेस से विधायक बने हैं। उपचुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं ने बड़े वायदे तो नहीं किए थे लेकिन गठबंधन सरकार पर बरोदा की विकास में अनदेखी, कृषि कानूनों, किसानों के मुद्दों को खूब भुनाया था। दूसरी तरफ भाजपा-जजपा ने बरोदा के लोगों के विकास व शिक्षा के सपने दिखाए थे और आइएमटी, चावल मिल व जनता शिक्षण संस्थान को विश्वविद्यालय बनवाने के वायदे किए थे।
विधायक बनते ही नरवाल ने आक्रमक तेवर दिखाते हुए कहा कि चुनाव से पहले लोगों के वोट लेने के लिए गठबंधन ने जो वायदे किए थे उन्हें पूरे करवा कर ही दम लूंगा। दैनिक जागरण के परमजीत सिंह ने इंदुराज नरवाल से जीत के बाद विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-
आप विपक्ष से विधायक बने हैं, ऐसी स्थिति में विकास के लिए क्या चुनौती है?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राज में बरोदा व गोहाना हलका के लिए लाठ-जौली में आइएमटी व रेल कोच फैक्ट्री की घोषणा की थी। भाजपा ने सत्ता में आते ही दोनों प्रोजेक्टों को रद करके गोहाना व बरोदा के लोगों के साथ विश्वासघात किया था। भाजपा ने चुनाव से पहले बरोदा में आइएमटी बनाने, चावल मिल लगाने और जनता शिक्षण संस्थान को विश्वविद्यालय बनाने का वायदा किया था। वे बेशक से कांग्रेस से विधायक बने हैं, लेकिन प्रत्येक चुनौती का सामना करते हुए अपने क्षेत्र के हित के लिए भाजपा-जजपा गठबंधन से ही इन प्रोजेक्टों को पूरा करवा कर दम लूंगा। अगर अपने वायदे से गठबंधन के नेता पीछे हटे तो उसकी भी पोल खोलूंगा। प्रत्येक मुद्दे पर अपने हलके के लिए संघर्ष करूंगा।
आपको लगता था कि जीवन में कभी विधायक बन पाएंगे?
मैंने युवा अवस्था से ही कांग्रेस के लिए काम किया है। 2005 में जब दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से सांसद बनकर गोहाना के विश्रामगृह में आए थे तब वे कार्यकर्ताओं के बीच जमीन पर बैठे थे। उस समय मैं भी उनके साथ वहीं बैठा था। हुड्डा ने कहा था कि कांग्रेस आप जैसे जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं का सम्मान करती है। तभी से उम्मीद जग गई थी कि वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के आशीर्वाद से विधायक जरूर बनूंगा। 15 साल बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बरोदा के लोगों के आशीर्वाद से सपना पूरा हुआ।
उपचुनाव में किस तरह की चुनौती मानते थे?
उपचुनाव से पहले भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ने बरोदा के लोगों को विकास के खूब सपने दिखाए, लेकिन इससे पहले छह-सात साल तक अनदेखी की। गठबंधन ने चुनाव जीतने के लिए धन, बल व सरकारी तंत्र का खूब दुरुपयोग किया। ऐसी स्थिति से निपटना बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन बरोदा के स्वाभिमानी मतदाता किसी के बहकावे व लालच में नहीं आए। मतदाताओं ने एक गरीब किसान के बेटे का साथ दिया।
अपनी जीत का श्रेय किसे देंगे?
यह मेरी जीत नहीं है बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा और बरोदा हलके की 36 बिरादरी की जनता की जीत है। यह जीत बरोदा हलके की स्वाभिमानी जनता की जीत है। बरोदा हलका की जनता ने दीपेंद्र हुड्डा में प्रदेश का उज्ज्वल भविष्य देगा। बरोदा हलका के भाईचारे की जीत है।
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