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DUSU Election: डीयू छात्र संघ चुनाव के लिए आज से शुरू होगा प्रचार अभियान

डीयू में छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुक्रवार से शुरू होगा। चुनाव 12 सितंबर को होगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 08:31 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 07:07 AM (IST)
DUSU Election: डीयू छात्र संघ चुनाव के लिए आज से शुरू होगा प्रचार अभियान
DUSU Election: डीयू छात्र संघ चुनाव के लिए आज से शुरू होगा प्रचार अभियान

नई दिल्ली, जेएनएन। DUSU Election:दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुक्रवार से शुरू होगा। चुनाव 12 सितंबर को होगा। चुनाव प्रचार के लिए छात्र संगठनों ने कमर कस ली है।

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उधर, बृहस्पतिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (Delhi University Students Union) चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया(NSUI)ने अपने-अपने पैनल घोषित कर दिए हैं। दोनों बड़े संगठनों ने कुछ पदों पर युवतियों को भी मौका दिया है।

NSUI और ABVP का पैनल
नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के पैनल में अध्यक्ष पद के लिए चेतना त्यागी, उपाध्यक्ष के लिए अंकित भारती, सचिव पद पर आशीष लांबा और संयुक्त सचिव के लिए अभिषेक चपराना के नाम सामने आए हैं। जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पैनल में अध्यक्ष पद के लिए अंक्षित दहिया, उपाध्यक्ष के लिए प्रदीप तंवर, सचिव के लिए योगित राठी और संयुक्त सचिव के लिए शिवांगी खरवाल का नाम शामिल है।

बुधवार को नॉर्थ कैंपस स्थित नामांकन केंद्र में अखिल भारतीय विद्याथी परिषद (एबीवीपी) व नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) समेत अन्य छात्र संगठनों के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था।

आचार संहिता की शर्ते
आचार संहिता की शर्तो के अनुसार, 16 अगस्त तक 17 से 22 साल तक की आयु के स्नातक पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले छात्र डूसू चुनाव लड़ सकते हैं। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले छात्र, जिनकी आयु 16 अगस्त तक 25 साल से अधिक है, वे डूसू चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वर्तमान साल में अगर किसी छात्र का कोई भी पेपर पास करने के लिए रहता है तो वह भी चुनाव नहीं लड़ पाएगा। दोबारा दाखिला लेने वाले छात्र भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

उम्मीदवार बनने के लिए छात्रों की कॉलेजों में 75 फीसद से अधिक उपस्थिति होना अनिवार्य है। कोई भी उम्मीदवार या उनके समर्थक विश्वविद्यालय या कॉलेजों की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। इनमें विश्वविद्यालय व कॉलेजों की वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज फेसबुक, ट्विटर भी शामिल हैं। अगर कोई भी उम्मीदवार दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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