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Lok Sabha Election 2019: हरियाणा में आतंकी मसूद अजहर की चर्चा से बढ़ा सियासी पारा

दक्षिण हरियाणा के राजनीतिक अतीत पर नजर डालें तो यहां चुनावी संघर्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच होता रहा है मगर इस बार यही अतीत सूबे के पश्चिम छोर में भी बनता दिखाई पड़ रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 10:43 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 11:02 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: हरियाणा में आतंकी मसूद अजहर की चर्चा से बढ़ा सियासी पारा
Lok Sabha Election 2019: हरियाणा में आतंकी मसूद अजहर की चर्चा से बढ़ा सियासी पारा

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। Lok Sabha Election 2019: आम चुनाव-2019 के तहत हरियाणा में 12 मई को मतदान होना है और चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। दक्षिण हरियाणा में अहीरवाल के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल सहित गुुरुग्राम और फरीदाबाद का राजनीतिक अतीत जाटलैंड के रोहतक, जींद से पश्चिमी छोर के जिला हिसार से एकदम अलग रहा है। दक्षिण हरियाणा के राजनीतिक अतीत पर नजर डालें तो यहां चुनावी संघर्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच होता रहा है, मगर इस बार यही अतीत सूबे के पश्चिम छोर में भी बनता दिखाई पड़ रहा है।

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पुलवामा में आतंकी हमले के बाद हुई एयर-स्ट्राइक का जिक्र पूरे देश में मतदाताओं की जुबान पर है, मगर अब शहर-देहात का युवा वर्ग जैश-ए-मुहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर को भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने की चर्चा करता नजर आता है। बुजुर्ग बताते हैं कि पहले जहां सूबे के चुनावी माहौल में पहले स्थानीय,क्षेत्रीय और जातीय मुद्दे चर्चा का केंद्र बनते रहे हैं वहीं अब राष्ट्रहित के सामने ये मुद्दे गौण हो रहे हैं।

जमीनी स्तर पर प्रत्याशियों के बीच चुनावी माहौल की बात करें तो फरीदाबाद में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर के प्रति मतदाताओं की व्यक्तिगत नाराजगी और विरोध भी कांग्रेस के अवतार भड़ाना या आप-जजपा के नवीन जयहिंद के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है।

पुराना फरीदाबाद के चौक पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र सुबह सवेरे चाय के खोखे पर एकत्र होते हैं। कड़क चाय की चुस्की के साथ अखबार की ताजा खबरों पर नजर डालने के लिए ये छात्र अपने सामने साइकिलों से निकल रहे अखबार विक्रेताओं को रोककर अखबार खरीदते हैं। लगातार दो दिन से अखबार की सुर्खियां बन रहे जैश-ए-मुहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर पर जमकर भड़ास निकालते हैं। इनकी भड़ास में मोदी से पहले की सरकारों के नेता भी खूब कोसे जाते हैं। हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उठाए हर सवाल का जबाव ये छात्र तर्क के साथ देते।

राष्ट्रीय राजधानी से सटे सूबे के बड़े औद्योगिक शहर गुरुग्राम के राजीव चौक पर सुबह-सवेरे नौकरीपेशा युवक चुनावी चर्चा की बजाए अपने संस्थान जाने की आपाधापी में ही व्यस्त दिखाई दिए। यहां बीड़ी का कस ले रहे कुछ लोग जरूर चुनाव पर चर्चा कर रहे थे। इनकी चर्चा में यह बड़ा आश्चर्य था कि अब लगातार चुनावी शोरगुल क्यों कम हो रहा है।

अहीरवाल के गांवों से आए ये लोग अपने राजा साहब (राव इंद्रजीत सिंह) को एकतरफा तो नहीं मगर आंकड़ों में विजयी घोषित कर देते हैं। मेवात क्षेत्र के मतदाताओं का कांग्रेस के प्रति रूझान को भी ये लोग अपने राजा साहब की ही जीत में सहायक बताते हैं। इनका कहना था कि अल्पसंख्यक एक तरफ जाएंगे तो बहुसंख्यक भी दूसरी तरफ एकजुट खड़े हैं। इन लोगों के बीच एक युवा मसूद अजहर का पूरा मामला

लंबे सफर के चलते गुरुग्राम से निकलकर रोहतक की तरफ निकले तो गांव दुजाना के नजदीक कुछ युवा रेवाड़ी जाने के लिए तैयार खड़े थे। रेवाड़ी के नजदीक एक उद्योग में कार्यरत इन युवाओं के नजदीक कोई भी गाड़ी रुकती तो इन्हें लगता कि उन्हें उनके गंतव्य तक सवारी मिल गई। खैर, दोपहर दो बजे से रात्रि दस बजे की ड्यूटी करने वाले इन युवाओं के पास अभी समय था। रोहतक से हिसार और जींद के लिए गुरुग्राम से जुड़े इस चार लेन के मार्ग की चर्चा छेड़ी तो पांचों युवा गुस्से से आग-बबूला हो गए। बोले- इन सड़कों के किनारे गुड़गांव, रेवाड़ी, धारूहेड़ा,फरीदाबाद की तरह इंडस्ट्री लगी होती तो सड़क बनाने वालों को हमारी वोट मिलती। अब तो हम क्या हमारे आसपास के गांव वाले भी जान गए हैं सड़क बनाने के पीछे का षड़यंत्र। असल में ये युवा कहना चाहते थे कि ये सड़कें पिछली सरकार के नेताओं ने अपनी जमीन के भाव चढ़ाने के लिए बनवाई थीं।

कुछ आगे हिसार रोड पर एक पेट्रोल पंप पर रुके तो पंप मालिक ने अपने साथियों के साथ क्षेत्र का चुनावी नजरिया ही साफ कर दिया। बोले- रोहतक, सोनीपत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खूब काम करवाए हैं। हुड्डा साहब का बेटा दीपेंद्र तो ऐसा है कि हम भी हाथ देकर गाड़ी रुकवा लेते हैं। बस यही सादगी ही इनको बार-बार जितवा रही है मगर आरक्षण के आंदोलन के बाद हो रहे इस चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो किसी को पता नहीं है। इसका कारण भी पंप मालिक साफ कर देते हैं। वे कहते हैं कि पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक के बाद यहां शहर-देहात के लोगों की जुबान पर मोदी का नाम है। अब ये मसूद अजहर के अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने से भी मोदी फेक्टर को मजबूती मिली है।

स्वादिष्ट पेड़ों के शहर हांसी के सदर बाजार में विभिन्न दलों के नेता अपने प्रत्याशियों के प्रचार में आए हुए हैं। एक कपड़े की दुकान पर एकत्र बाजार के दुकानदारों के बीच भाजपा प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह के प्रचार के लिए नेता आए हैं। पहले बोलते हुए दुकानदार न तो सत्ताधारी नेताओं के सामने जीएसटी और न ही बाजार की और कोई समस्याएं रखते हैं। व्यापारी सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने की बात करते हैं।

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