Me Too campaign: एमजे अकबर मानहानि केस में पत्रकार प्रिया रमानी को मिली बेल
कई महिला पत्रकारों समेत प्रिया रमानी ने भी एमजे अकबर पर मी टू के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इसके चलते एमजे अकबर को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद से पिछले साल 17 अक्टूबर को इस्तीफा देना पड़ा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर की मानहानि के मामले की सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई। अब इस मामले में 8 मार्च को सुनवाई होगी।
बता दें कि कई महिला पत्रकारों समेत प्रिया रमानी ने भी एमजे अकबर पर मी टू के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इसके चलते एमजे अकबर को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद से पिछले साल 17 अक्टूबर को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
इसी मानहानि मामले में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने पत्रकार प्रिया रमानी को नोटिस देकर सोमवार को तलब किया था। उधर, पत्रकार प्रिया रमानी ने अपने एक ट्वीट में कहा है 'कहानी में अपना पक्ष रखने का समय आ गया है।'
यहां पर बता दें कि प्रिया रमानी समेत कई महिला पत्रकारों की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के कारण एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी कार्रवाई करते हुए उन्हें संस्था की सदस्यता से बाहर कर दिया था। उन्होंने भी कहा था कि जब तक मानहानि का मामला निष्कर्ष तक नहीं पहुंचता, तब तक वह सदस्य नहीं रहेंगे।