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EXCLUSIVE: 22 अगस्त के बाद मिल सकता है दिल्ली को नया अध्यक्ष, सोनिया गांधी का संकेत

दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको से सोनिया ने इस दिशा में कुछ नामों पर विचार करने और पूर्व पीएम राजीव गांधी की 75वीं जयंती मनाने के बाद उन्हें इसके लिए सुझाव देने को कहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 05:53 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 08:43 AM (IST)
EXCLUSIVE:  22 अगस्त के बाद मिल सकता है दिल्ली को नया अध्यक्ष, सोनिया गांधी का संकेत
EXCLUSIVE: 22 अगस्त के बाद मिल सकता है दिल्ली को नया अध्यक्ष, सोनिया गांधी का संकेत

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। एक माह से बिना दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Delhi Pradesh Congress Committee) अध्यक्ष के ही लटक-लटककर चल रही प्रदेश कांग्रेस को 22 अगस्त के बाद नया नेतृत्व मिल सकता है। इस आशय के संकेत भी सीधे पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी ने स्वयं दिए हैं। अभी तक प्रदेश प्रभारी की कमान संभाल रहे पीसी चाको से उन्होंने इस दिशा में कुछ नामों पर विचार करने और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती मनाने के बाद उन्हें इसके लिए सुझाव देने को कहा है।

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दरअसल, सोमवार को पीसी चाको और प्रदेश के तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद सोनिया गांधी से उनके निवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात के दौरान दो दिन बाद यानी 22 अगस्त को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राजीव गांधी की जयंती पर होने वाले जन्मजयंती उत्सव की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। कार्यकारी अध्यक्षों ने उन्हें बताया कि किस स्तर पर क्या कुछ व्यवस्था की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात के बाद पीसी चाको ने सोनिया गांधी से अलग से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने दिल्ली कांग्रेस की स्थिति पर संक्षेप में प्रकाश डाला और कहा कि विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। अगर अध्यक्ष का फैसला जल्द कर दिया जाए पार्टी मजबूती के साथ चुनाव की तैयारियों में जुट सकती है। इस पर सोनिया ने पीसी चाको से कहा कि आप इतने सालों से दिल्ली के प्रभारी हैं, अनुभव भी रखते हैं, कुछ नामों पर विचार करें एवं 22 तारीख का कार्यक्रम हो जाने के बाद मुझे सुझाव दें और बात करें।

मालूम हो कि प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल रहीं शीला दीक्षित का 20 जुलाई को निधन हो गया था। तभी से यह पद रिक्त है। आलाकमान को शीला के कद का पार्टी में ऐसा कोई नेता नजर नहीं आ रहा, जिसकी सर्वस्वीकार्यता हो और जो विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ कांग्रेस का झंडा बुलंद कर सके। हालांकि वरिष्ठता के क्रम में अध्यक्ष पद के लिए कई नाम चल रहे हैं, लेकिन हर किसी के साथ विवाद भी जुड़े हुए हैं। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि दिल्ली से बाहर के किसी बड़े नाम वाले नेता को यह जिम्मेदारी सौंप दी जाए, लेकिन उसमें भी बगावत की आशंका ज्यादा है।

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