भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर के पास दो वोटर आईडी कार्ड मामले में सुनवाई टली
दिल्ली में भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी रखने मामले में सोमवार को कोर्ट में फैसला टल गया।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली में भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी रखने मामले में सोमवार को कोर्ट में फैसला टल गया। तीस हजारी में अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी। कोर्ट ने इस मामले में साक्ष्य तलब किया है।
इससे पहले की सुनवाई में तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गंभीर के खिलाफ कोर्ट में यह मामला पूर्वी दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) की उम्मीदवार आतिशी मार्लेना ने दायर किया है। आतिशी ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से भी की है।
आतिशी ने रिटर्निंग ऑफिसर से की थी ये शिकायत
इसके अलावा आतिशी ने रिटर्निंग ऑफिसर(Returning Officer) से शिकायत की थी कि गौतम गंभीर के नामांकन में कुछ खामियां हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि गंभीर ने जो शपथ पत्र दिया है उसमें 23 अप्रैल अंकित है लेकिन नोटरी स्टाम्प पेपर में 18 और 19 अप्रैल की तारीख का जिक्र है। रिटर्निंग ऑफिसर ने गौतम गंभीर का पक्ष जानने के बाद आतिशी के आपत्ति को खारिज करते हुए नामांकन स्वीकार कर लिया था।
आतिशी का गंभीर पर आरोप
आतिशी ने सेक्शन 155 (2) के तहत कोर्ट में शिकायत दर्ज कर मामले की पुलिस जांच कराने की मांग की है। गंभीर पर आरोप लगाया गया है कि नामांकन पत्र में चुनाव आयोग से कोई जानकारी छुपाना भी दंडनीय अपराध है। इस अपराध में एक साल तक की जेल भी हो सकती हैं। आतिशी के मुताबिक, गौतम गंभीर के नाम पर एक राजेंद्र नगर तो दूसरे करोल बाग की वोटर आइडी है।
डिसक्वालीफाई हों गौतम गंभीर
आतिशी ने याचिका में कहा है कि दो वोटर आईडी कार्ड रखना अपराध है इसलिए कोर्ट गंभीर को डिसक्वालीफाई करे, उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है। बता दें कि इस याचिका से कोर्ट संतुष्ट नहीं है क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट का कहना था कि दो वोटर आईडी कार्ड को लेकर चुनाव आयोग गौतम गंभीर के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। लेकिन आतिशी खुद उसी जगह से दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं, कैसे गौतम गंभीर के खिलाफ केस डाल सकती हैं।
क्या कहते हैं गौतम गंभीर
आप उम्मीदवार आतिशी के आरोपों पर गंभीर ने कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे ऐसा कह रही हैं। आतिशी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए गंभीर ने कहा कि इस पर चुनाव आयोग फैसला करेगा। हम नकारात्मक राजनीति नहीं करते। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में पिछले 4.5 साल से कुछ नहीं किया। इसलिए ऐसी बातें कही जा रही हैं।
एक शख्स के लिए एक ही जगह का वोटर आईडी कार्ड
आतिशी के वकीलों ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को कहा कि नॉमिनेशन दायर करते समय उम्मीदवार शपथ लेता है जिसमें उसके पास एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड नहीं रखने की भी बात होती है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट के मुताबिक भी एक शख्स एक ही जगह का वोटर आईडी कार्ड रख सकता है।
कोर्ट में यदि आतिशी की याचिका स्वीकार होती है तो इस मामले में गौतम गंभीर को समन किया जा सकता है या फिर उससे पहले कोर्ट दिल्ली पुलिस से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मंगवा सकती है। आतिशी मार्लेना के गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी कार्ड के मामले को कोर्ट तक ले जाने के बाद भाजपा ने भी अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के दो वोटर आईडी कार्ड होने को लेकर तीस हजारी कोर्ट में ही एक और अर्जी दाखिल की गई है। जिस पर कोर्ट ने चुनाव अधिकारियों को 3 जून के लिए तलब भी कर लिया है।
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