DU में सीएए के विरोध में हुई सभा, प्रदर्शनकारियों ने कहा- सरकार हमें दबाना चाहती है
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की आॅट्स फैकल्टी के सामने हुई सभा में केंद्र सरकार की सीएए लाए जाने पर आलोचना की गई। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की जमकर आलोचना की।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की आॅट्स फैकल्टी के सामने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में सभा का आयोजन किया गया। इसे जॉइंट कमेटी फॉर एक्शन एंगेस्ट सीएए-एनआरसी और संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किया गया। इसमें बॉलिवुड अभिनेता मुहम्मद जीशान आयुब, लेखिका अरुंधति राॅय, अर्थाशास्त्री प्रो अरुण कुमार समेत कई छात्र नेता शामिल हुए। इस सभा में केंद्र सरकार की सीएए लाए जाने पर आलोचना की गई। वहीं आॅट्स फैकल्टी पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया। वाॅटर कैनन की गाड़ी भी मौजूद थी।
छात्राें को किया जा रहा परेशान
जीशान आयुब ने सीएए पर बोलते हुए कहा कि इस कानून ने लोगों एवं छात्रों को परेशान कर दिया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ आंदोलन को लेकर जिस तरह से सरकार की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, यह इस बात की पुष्टि है कि वह इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
आंदोलन की शुरुआत
छात्रों द्वारा आवाज उठाते हुए एक आंदोलन की शुरुआत हुई है। यह आंदोलन बिल्कुल सही दिशा में जा रहा है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि एेसे ही हालातों में घबराया जाता है और इसी कारण सरकार को लग चुका है कि छात्र और लोग सरकार की इस कानून को लेकर मंशा समझ चुके हैं कि किस तरह से सरकार छात्रों और लोगों को दबाना चाहती थी, लोग सरकार की गेम को समझ चुके हैं। लेकिन वह नहीं दबे। छात्रों से इन्हें खास दिक्कत है। यह बीच-बीच में अलग-अलग नेरेटिव बना रहे हैं, कभी हिंदू-मुसलमान का नेरेटिव बना रहे हैं।
कोई पढ़ता-लिखता दिख जाता है तो होती है तकलीफ
इनकी खास दुश्मनी पुस्तकालयों से होती है, कोई पढ़ता भी दिख जाता है तो इन्हें तकलीफ होती है क्योंकि अगर व्यक्ति पढ़ गए तो फिर वह सवाल करेगा। साथ ही इन्हें शिक्षण संस्थानों से इन्हें बहुत दिक्कत है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि एेसा कभी दुनिया में हुआ है कि किसी कानून के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया हो, इसका मतलब समझ में आ गया है कि इन लोगों के मन में डर बैठ गया है और यह लोगों को बोल रहे हैं कि हमारे समर्थन में प्रदर्शन करें। ये मसला क्या है कि ये सारी ताकतें बड़ी पुरानी हैं, ये बुढ़े हो चुके हैं, लेकिन छात्र जवान हैं। एक 45 साल का आदमी अपशब्द दे देकर, लाठी चलाकर थक जाएगा। पर 20 साल का शख्स लाठी पड़ने पर कहेगा कि कोई नहीं, फिर वह आगे बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह से आंदोलन को जारी रखना है और जीतेंगे हम ही। छात्रों के पास जो ताकत है, उसके सामने कोई भी ताकत खड़ी नहीं हो सकती है।
बिजली का कनेक्शन नहीं दिया गया,लगाया जेनरेटर - आयोजक
सभा के आयोजक डीयू की लॉ फैकल्टी के एलएलबी के अंतिम वर्ष के छात्र मयंक यादव ने आरोप कहा कि हमारी तरफ से प्रशासन से बिजली की मांग की गई थी। जिससे माइक चल सके, लेकिन कनेक्शन नहीं दिया गया। इसके बाद जनरेटर की व्यवस्था की गई। जिसके बाद माइक चल सका। उन्होंने सभा के दौरान दावा करते हुए कहा कि डीयू प्रशासन ने तुरंत कार्यक्रम को रोकने के लिए भी नोटिस दिया था हालांकि यह जारी रहा। मंयक ने कहा कि इस सभा के आयोजन की सूचना मॉरिस नगर थाने में दो दिन पहले दे दी गई थी। बुधवार को दोपहर 12.30 बजे शुरू हुआ कार्यक्रम 3.45 बजे खत्म हो गया।