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Baroda By-Elections 2020: गैर जाट मतदाता करेंगे हार-जीत का फैसला, ये है पुराना इतिहास

Baroda Haryana By Election 2020 बरोदा हलका में करीब 1 लाख 80 हजार मतदाता हैं और यह जाट बाहुल्य है। हलके में आधे से अधिक जाट मतदाता हैं। दूसरे स्थान पर ब्राह्मण मतदाता हैं। हलका जाट बाहुल्य भले ही हो लेकिन गैरजाट मतदाता निर्णायक भूमिका अदा करेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 06:57 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 06:57 AM (IST)
Baroda By-Elections 2020: गैर जाट मतदाता करेंगे हार-जीत का फैसला, ये है पुराना इतिहास
बरोदा में 1 लाख 80 हजार मतदाता हैं।

गोहाना (सोनीपत) [परमजीत सिंह]। जाट बाहुल्य बरोदा हलका के उपचुनाव में गैर जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में रहेंगे। कोई भी राजनीतिक दल गैर जाट मतदाताओं को नजरअंदाज नहीं कर रहा है। सभी दलों के नेता जाटों के साथ गैरजाट मतदाताओं को भी अपने-अपने पक्ष में लाने की कोशिश में जुटे हैं। हलके में जातीय आंकड़ों को ध्यान में रखकर उपचुनाव में एक प्रमुख दल गैर जाट का कार्ड जरूर खेलेगा। लोगों में 2000 में बरोदा से सटे गोहाना के किस्से को याद किया जाने लगा है।

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इस चुनाव में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने सामान्य सीट गोहाना पर कई दिग्गज जाट नेताओं के बीच गैर जाट का कार्ड खेला था और कामयाबी भी मिली थी।

बरोदा में 1 लाख 80 हजार मतदाता हैं

बरोदा हलका में करीब 1 लाख 80 हजार मतदाता हैं और यह जाट बाहुल्य है। हलके में आधे से अधिक जाट मतदाता हैं। दूसरे स्थान पर ब्राह्मण मतदाता हैं। हलका जाट बाहुल्य भले ही हो लेकिन किसी भी दल में यहां गैरजाट मतदाताओं को नजरअंदाज करने की हिम्मत नहीं है। 2014 के चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस, इनेलो और भाजपा ने जाट नेताओं को मैदान में उतारा था। इस चुनाव में कांग्रेस से श्रीकृष्ण हुड्डा और इनेलो से डॉ. कपूर सिंह नरवाल ने जाटों के साथ गैरजाटों के भी वोट हासिल किए थे। श्रीकृष्ण हुड्डा चुनाव भले ही जीत गए लेकिन कांटे की टक्कर हुई थी।

भाजपा ने गठवाला खाप के दादा बलजीत मलिक को मैदान में उतारा था लेकिन वे जाट व गैरजाट मतदाताओं को नहीं लुभा पाए थे। बड़ा चेहरा होने के बावजूद मलिक को केवल 8698 वोट मिले थे। इस चुनाव में निर्दलीय सुरेंद्र सिरसाढ़ ने 7525 वोट लिए थे। 2019 के चुनाव में जाटों को लुभावने के लिए कांग्रेस ने श्रीकृष्ण हुड्डा, जजपा ने भूपेंद्र मलिक और इनेलो ने जोगेंद्र मलिक को मैदान में उतारा था। तीनों ही जाट थे, जिनमें श्रीकृष्ण हुड्डा का निधन हो चुका है। इस चुनाव में भाजपा ने गैर जाट का कार्ड खेलते हुए बड़े चेहरे योगेश्वर दत्त को मैदान में उतारा था।

दूसरे नंबर थे योगेश्वर दत्त 

योगेश्वर दत्त भाजपा को जीत तो नहीं दिला पाए लेकिन 37226 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। बरोदा से कांग्रेस जाटों के साथ गैरजाटों का विश्वास जीतने में कामयाब रही थी। सभी दलों के नेता जानते हैं कि बरोदा के उपचुनाव में गैर जाटों की निर्णायक भूमिका रहेगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि उपचुनाव में एक प्रमुख दल गैरजाट का कार्ड जरूर खेलेगा।

चौटाला ने खेला था गैर जाट कार्ड

क्षेत्र के लोग उस किस्से पर चर्चा करते हैं जब 2000 के विधानसभा चुनाव में इनेलो सुप्रीमो ने गोहाना की सामान्य सीट पर गैर जाट का कार्ड खेला था। तब कांग्रेस से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल सिंह मलिक व हरियाणा विकास पार्टी ने पूर्व मंत्री जगबीर सिंह मलिक मैदान में आए थे। इसके साथ ही दो बार निर्दलीय विधायक रहे किताब सिंह मलिक, महेंद्र सिंह मलिक व सतबीर सिंह भी निर्दलीय मैदान में आए गए। पांच दिग्गज जाटों के बीच इनेलो सुप्रीमा ने डॉ. रामकुमार सैनी को टिकट दिया था और वे विधायक बने थे।

बरोदा सीट पर अनुमानित मतदाता

जाट-97500

ब्राह्मण -23500

पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति के मतदाता-59000

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