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Baroda Bypoll 2020: जहां से इनेलो हुई थी कमजोर वहीं से पार्टी को धार देने की कोशिश में चौटाला

Baroda Bypoll 2020 बरोदा के उपचुनाव में अभय सिंह चौटाला उसी धरती से ही पार्टी को धार देने की कोशिश में हैं जहां से दो साल पहले पार्टी कमजोर हुई थी। चौटाला बरोदा चुनाव को लेकर सभी गांवों में पहुंच चुके हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 10:17 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 10:17 AM (IST)
Baroda Bypoll 2020: जहां से इनेलो हुई थी कमजोर वहीं से पार्टी को धार देने की कोशिश में चौटाला
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला- फाइल फोटो

सोनीपत [परमजीत सिंह]। दो साल पहले जिस जगह इनेलो के दो फाड़ होने की नींव रखी गई थी, वहीं से ही बरोदा उपचुनाव में इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला पार्टी को धार देने की कोशिश में हैं। चौटाला बरोदा के उपचुनाव को लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और लोगों के बीच में रहने के साथ कार्यकर्ताओं में भी जान फूंक रहे हैं। इनेलो बरोदा चुनाव में कैसा प्रदर्शन करेगी, यह 10 नवंबर को पता चलेगा।

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इनेलो ने 25 सितंबर, 2018 को पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के जन्मदिन पर गोहाना में राज्य स्तरीय रैली रखी थी। रैली को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी थी लेकिन मूसलाधार बारिश होने से रैली स्थल पर पानी भर गया था। इसी के चलते रैली को स्थगित करना पड़ा था। मौसम साफ होने पर 7 अक्टूबर को रैली की गई। उस समय इनेलो का बसपा के साथ गठबंधन था। रैली में उम्मीद से ज्यादा भीड़ भी जुटी थी।

रैली में जब उस समय के हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष विधायक अभय सिंह चौटाला भाषण देने के लिए माइक पर आए थे तब दुष्यंत चौटाला के समर्थकों ने उनका विरोध करते हुए नारेबाजी की थी। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने रैली में मंच से ही स्पष्ट कर दिया था कि अनुशासन तोडऩे वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसी रैली से ही इनेलो के दो फाड़ होने की नींव रखी गई थी। चौटाला परिवार में विवाद इतना बढ़ता चला गया। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे डॉ. अजय सिंह चौटाला ने जींद में रैली करके इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी (जजपा) की घोषणा की थी। इसके बाद इनेलो काफी कमजोर हो गई थी।

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2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में थी तो इनेलो विपक्ष में थी। अभय सिंह चौटाला नेता प्रतिपक्ष थे। 2019 के चुनाव में इनेलो से पूरे प्रदेश में केवल अभय सिंह चौटाला ही चुनाव जीत पाए। इस चुनाव में जपपा ने इनेलो से काफी बेहतर प्रदर्शन किया। जजपा अब भाजपा की सहयोगी है और सरकार में हिस्सेदारी है। डॉ. अजय सिंह चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला प्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी हैं।

बरोदा हलका गोहाना उपमंडल में ही आता है। बरोदा के उपचुनाव में अभय सिंह चौटाला उसी धरती से ही पार्टी को धार देने की कोशिश में हैं जहां से दो साल पहले पार्टी कमजोर हुई थी। चौटाला बरोदा चुनाव को लेकर सभी गांवों में पहुंच चुके हैं। वे रणनीति से काम कर रहे हैं। रविवार को इनेलो की कार्यकर्ता सभा में अच्छी भीड़ जुटने से चौटाला उत्साहित हैं। उपचुनाव से इनेलो की मजबूती मिलेगी या नहीं यह तो 10 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने पर ही पता लग पाएगा।

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