Haryana Bypoll Result: जानिए- वे 5 बड़े कारण जिसके कारण कांग्रेस के 'भालू' ने भाजपा के 'पहलवान' को किया चित
सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू हुई। पहले ही राउंड में कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने बढ़त बना ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि दूसरे 12वें 18वें और 19वें राउंड में योगेश्वर ने कांग्रेस प्रत्याशी से ज्यादा वोट जरूर लिए लेकिन वे बढ़त को नहीं तोड़ पाए।
सोनीपत [संजय निधि]। Haryana Baroda Bypoll Result 2020ः बरोदा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने फिर बाजी मार ली। इस सीट पर यह कांग्रेस की लगातार चौथी जीत है। कांग्रेस के उम्मीदवार इंदुराज नरवाल उर्फ भालू ने भाजपा प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त को 10566 वोटों के अंतर से हराया। इंदुराज को पहले राउंड से ही बढ़त मिलनी शुरू हो गई थी, जो आखिरी राउंड तक बढ़ती रही। इस उपचुनाव में भाजपा-जजपा गठबंधन से पहलवान योगेश्वर दत्त, कांग्रेस से इंदुराज नरवाल, इनेलो से जोगेंद्र मलिक, लोसुपा से राजकुमार सैनी सहित 14 उम्मीदवार मैदान में थे।
इस सीट से योगेश्वर दत्त की यह लगातार दूसरी हार है। आइए जानते हैं ऐसे कौन से पांच कारण रहे जिसकी वजह से कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा पर हावी रहे।
1-बरोदा कांग्रेस का गढ़
सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट परंपरागत तरीके से कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का प्रभाव है। राजनीतिक पंडित तो यहां कहते हैं कि यह जीत कांग्रेस की कम भूपेंद्र हुड्डा की जीत ज्यादा है। हुड्डा ने इस सीट को जीतने के लिए अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को कमान सौंप दी थी। उपचुनाव में हुड्डा ने स्थानीय निवासी इंदुराज को मौका दिया। उनके कहने पर ही इंदुराज को टिकट मिला था।
2-जाट बहुल इलाका
बरोदा विधानसभा क्षेत्र जाट बहुल है। इंदुराज नरवाल जाट समुदाय से आते हैं। यह उनके पक्ष में गया। भाजपा ने यहां से पहलवान योगेश्वर दत्त को लगातार दूसरी बार मौका दिया था। योगेश्वर ब्राह्णण समुदाय से आते हैं। माना जा रहा है कि जाटों का अधिकतर वोट कांग्रेस प्रत्याशी को ही गया।
3-जजपा का वोट भाजपा को ट्रांसफर नहीं हो सका
चुनाव नतीजों से देखने में साफ लग रहा है कि बरोदा में जननायक जनता पार्टी(जजपा) का वोट भाजपा उम्मीदवार को ट्रांसफर नहीं हो पाया। विधानसभा चुनाव 2019 में जजपा को यहां से 32000 हजार से ज्यादा मत मिले थे। अगर तुलना की जाए तो भाजपा और जजपा का वोट कांग्रेस उम्मीदवार पर भारी पड़ता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
4- ग्रामीण इलाका है बरोदा
बरोदा विधानसभा के अधिकतर इलाके ग्रामीण हैं। अभी हाल में ही केंद्र सरकार की तरफ से नए कृषि कानून की मंजूरी दी गई थी। कांग्रेस ने इस कानून का पुरजोर तरीके से विरोध किया। कांग्रेस को जवाब देने के लिए भाजपा नेताओं ने ट्रैक्टर रैली भी की थी। माना जा रहा है कि भाजपा कृषि कानून को लेकर मतदाताओं में अपनी बात सही तरीके से नहीं पहुंचा पाई।
5- भूपेंद्र हुड्डा ने बागियों को मनाया
इंदुराज नरवाल की जीत की मुख्य वजह यह भी है कि भूपेंद्र हुड्डा ने पार्टी के बागियों को समय से पहले मना लिया था। टिकट न मिलने से नाराज श्रीकृष्ण हुड्डा के परिजनों को भूपेंद्र हुड्डा ने मनाया। इसके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवारों का पर्चा वापस कराया। पर्चा वापस लेने वाले नेताओं ने कांग्रेस के हक में प्रचार किया। हुड्डा ने सोची समझी रणनीति के तह निर्दलीय कपूर सिंह नरवाल का नामांकन वापस कराया था ताकि भाजपा प्रत्याशी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से हो सके। जाट बहुल क्षेत्र में इनेलो को वोट कम मिला।
तीन नवंबर को हुआ था मतदान
बता दें कि बरोदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद यहां उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान हुआ था। उपचुनाव के मतों की गिनती मंगलवार को मोहाना स्थित भारत इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (बिट्स) में हुई। मतदान के बाद इसी संस्थान में बनाए गए स्ट्रांग रूम में ईवीएम रखी गई थी। वोटों की गिनती के लिए 14 टेबल लगाए गए थे और 20 राउंड में मतों की गिनती पूरी हुई। सुरक्षा के मद्देनजर मतगणना केंद्र के 500 मीटर के दायरे में धारा-144 लगा दी गई थी।
सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू हुई। पहले ही राउंड में कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने बढ़त बना ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि दूसरे, 12वें, 18वें और 19वें राउंड में भाजपा के योगेश्वर ने कांग्रेस प्रत्याशी से ज्यादा वोट जरूर लिए, लेकिन वे उनकी बढ़त को नहीं तोड़ पाए। इंदुराज को कुल 60636 वोट मिले जबकि भाजपा के पहलवान योगेश्वर दत्त 50070 वोट ही प्राप्त कर पाए। तीसरे स्थान पर लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के राजकुमार सैनी रहे, जिन्हें 5611 वोट मिले और 5003 वोट लेकर इनेलो के जोगेंद्र मलिक चौथे स्थान पर रहे।
बरोदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद यहां उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान हुआ था। उपचुनाव के मतों की गिनती मंगलवार को मोहाना स्थित भारत इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (बिट्स) में हुई। मतदान के बाद इसी संस्थान में बनाए गए स्ट्रांग रूम में ईवीएम रखी गई थी। वोटों की गिनती के लिए 14 टेबल लगाए गए थे और 20 राउंड में मतों की गिनती पूरी हुई। सुरक्षा के मद्देनजर मतगणना केंद्र के 500 मीटर के दायरे में धारा-144 लगा दी गई थी।
पांचवे नंबर पर नोटा
468 वोट के साथ नोटा पांचवें स्थान पर रहा। कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज नरवाल की जीत की घोषणा होने के बाद नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी मोहाना पहुंचे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जीत की खुशी मनाई। उन्होंने विजयी प्रत्याशी इंदुराज को बधाई और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद भी किया।
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