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BPL कार्ड में होने जा रहा है बदलाव, इलाज कराने के दौरान म‍िलेगी सुव‍िधा

BPL Card एम्स के डॉक्टर की पहल और एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर बीपीएल कार्ड में बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 08:09 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 03:31 PM (IST)
BPL कार्ड में होने जा रहा है बदलाव, इलाज कराने के दौरान म‍िलेगी सुव‍िधा
BPL कार्ड में होने जा रहा है बदलाव, इलाज कराने के दौरान म‍िलेगी सुव‍िधा

नई दिल्ली, (राज्य ब्यूरो)| BPL Card एम्स के डॉक्टर की पहल और एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर केंद्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय के सचिव व सभी राज्यों के मुख्य सचिव को दो भाषाओं में बीपीएल कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही छह सप्ताह में इस पर कार्रवाई रिपोर्ट भी सौंपने को कहा है। विभिन्न राज्यों के स्थानीय भाषा में बीपीएल कार्ड जारी होने से मरीजों को एम्स में इलाज में परेशानी उठानी पड़ रही है।

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मरीजों की परेशानी पर आयोग ने ल‍िया एक्‍शन 
बीपीएल श्रेणी में आने वाले मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर यह निर्देश जारी किया गया है। आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एम्स सहित केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले तमाम अस्पतालों में बीपीएल श्रेणी के मरीजों की सहायता के लिए अलग काउंटर शुरू करने का भी निर्देश दिया है। दरअसल, एम्स में देश भर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। कई राज्यों में बीपीएल कार्ड स्थानीय भाषा में बना होता है।

मरीजों को देना पड़ता है शपथ पत्र
इससे एम्स में कर्मचारी उसे समझ नहीं पाते, तब मरीजों को शपथ पत्र बनवाकर देना पड़ता है। इससे मरीजों के इलाज में देरी होती है और शपथ पत्र बनवाने में पैसा भी खर्च होता है। पिछले दिनों भी एक ऐसा मामला सामने आया था। कैंसर से पीड़ित पश्चिम बंगाल की एक महिला को पेट स्कैन जांच की जरूरत थी। एम्स में इसका शुल्क चार हजार है। परिजन यह खर्च उठाने सक्षम नहीं थे।

जांच में देरी पर खुला मामला
उन्होंने अपना बीपीएल कार्ड दिया, लेकिन कर्मचारी उसे पढ़ नहीं पाए। इससे उसकी जांच में देरी हुई। इस मामले पर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय गुर्जर ने सवाल खड़े किए। उनका सवाल यह था कि क्या अस्पतालों में सभी स्थानीय भाषाओं की समक्ष रखने वाले कर्मचारी रखे जाने चाहिए, जो स्थानीय भाषा में बने बीपीएल कार्ड का अनुवाद करें या फिर दो भाषाओं (स्थानीय भाषा के साथ हि‍ंदी या अंग्रेजी) में बीपीएल कार्ड जारी होना चाहिए, ताकि कर्मचारी आसानी से उसे समझ सकें।

मरीजों की समस्या के समाधान के लिए कदम
इसके बाद फरीदाबाद के रहने वाले शैलेंद्र सि‍ंह नेगी ने मानवाधिकार आयोग में इस मामले की शिकायत की और दो भाषाओं में बीपीएल कार्ड जारी कराने की मांग की। उनकी इस शिकायत पर ही आयोग ने यह निर्देश जारी किया है। डॉ. विजय गुर्जर ने मानवाधिकार आयोग की सराहना करते हुए कहा कि आयोग ने मरीजों की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाया है। सभी अस्पतालों में मरीजों की मदद के लिए रोगी सहायता केंद्र या शिकायत निवारण केंद्र होना चाहिए।


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