विवाद के बाद ABVP ने हटाई मूर्तियां, कहा- DU प्रशासन करे फैसला कहां लगेंगी
20 अगस्त को DU छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष शक्ति सिंह ने इन्हें डीयू की आर्ट्स फैकल्टी में स्थापित किया था जिसमें एनएसयूआइ और आइसा जैसे छात्र संगठनों ने इसका विरोध भी किया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार भगत सिंह और वीर सावरकर की मूर्तियों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की तरफ से हटा लिया गया है। 20 अगस्त के दिन डीयू छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष शक्ति सिंह ने इन्हें डीयू की आर्ट्स फैकल्टी में स्थापित किया था, जिसमें एनएसयूआइ और आइसा जैसे छात्र संगठनों ने इसका विरोध भी किया था और इसे लेकर विवाद भी हुआ था। इन छात्र संगठनों ने सावरकर की मूर्ति पर आपत्ति जताई थी और एबीवीपी पर आरोप लगाया था की एक कार्यक्रम को आयोजित करने के मकसद से आर्ट्स फैकल्टी के बाहर टेंट लगाने की आड़ में मूर्ति स्थापित की गई।
मूर्ति लगाने पर विवाद
वहीं इन मूर्तियों की लगाने की डीयू प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। खुद शक्ति सिंह ने भी कहा था कि हमने इन मूर्तियों की स्थापना के लिए पिछले 6 महीने में डीयू प्रशासन को तीन पत्र लिखे। लेकिन उनकी तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया। मैंने विरोध जताते हुए इन्हें लगाया, लेकिन इसकी डीयू प्रशासन से कोई अनुमति नहीं मिली थी।
डीयू प्रशासन ने भी रखा अपना पक्ष
डीयू की प्रॉक्टर नीता सहगल ने इस मामले में प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा की हमारी तरफ से एबीवीपी से बात हुई है और वह इन मूर्तियों को हटा देंगे। हालांकि उन्होनें इस पर कोई जवाब नहीं दिया कि मूर्तियों के हटाने के बाद इन्हें कहा फिर से स्थापित किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि डूसू चुनाव के खत्म होने के बाद इस ओर फैसला लिया जा सकता है। एबीबीपी ने भी गुरुवार को बयान जारी कर कहा था कि डीयू में किसी भी मूर्ति मो डीयू प्रशासन की अनुमति के साथ ही लगाया जाना चाहिए।
रखें हैं पिलर
एबीवीपी के दिल्ली मीडिया प्रभारी आशुतोष सिंह ने बताया कि इन मूर्तियों को शुक्रवार रात 2 बजे हटाया गया। इसके पिल्लर अभी भी वहां पर रखे गए हैं। इसे डीयू प्रशासन की अनुमति के बाद जहां पर भी लगाने का फैसला किया जाएगा यह हमें स्वीकार्य होगा। हालांकि मूर्तियों की कस्टडी अभी एबीवीपी के पास है या डीयू प्रशासन के पास है, इसके बारे में कुछ भी नहीं बोला है।