Move to Jagran APP

General Election: गठबंधन की सूरत में दिल्ली की ये 3 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है AAP

प्रदेश कांग्रेस के स्पष्ट इऩकार करने के बावजूद दिल्ली की सातों सीटों के लिए AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की रूपरेखा को जोर शोर से अंतिम रूप दिया जा रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 09:25 AM (IST)
General Election: गठबंधन की सूरत में दिल्ली की ये 3 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है AAP
General Election: गठबंधन की सूरत में दिल्ली की ये 3 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है AAP

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रदेश कांग्रेस के स्पष्ट इनकार के बावजूद दिल्ली की सातों सीटों के लिए आम  आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की रूपरेखा को जोर शोर से अंतिम रूप दिया जा रहा है। सहमति 3-3-1 के फार्मूले पर बन सकती है, लेकिन विचार कई अन्य फॉर्मूलों पर भी चल रहा है। अगर AAP ने कांग्रेस को बराबरी की सीटें नहीं दीं तो पेच फंस भी सकता है।

loksabha election banner

प्रदेश कांग्रेस के कई कद्दावर नेता और एआइसीसी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए चांदनी चौंक, नई दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट छोड़ सकती है। कांग्रेस की ओर से इन सीटों पर क्रमश: पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, अजय माकन और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया जा सकता है, जबकि पश्चिमी दिल्ली सीट से अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस और AAP के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं।

पूर्व सांसद संदीप दीक्षित पूर्वी दिल्ली से नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं AAP उत्तर पूर्वी दिल्ली से दिलीप पांडेय, पूर्वी दिल्ली से आतिशी और दक्षिणी दिल्ली सीट से राघव चड्ढा को चुनाव लड़ाना चाहती है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक शनिवार को अब प्रदेश प्रभारी पीसी चाको इन सभी नेताओं को गठबंधन का समीकरण समझाएंगे। इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस के मौजूदा शीर्ष नेतृत्व, सभी पूर्व पार्टी अध्यक्ष, पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री उपस्थित रहेंगे। बैठक के बाद चाको अपनी रिपोर्ट अनुशंसा के साथ पार्टी हाइकमान को दे देंगे।

सूत्रों के मुताबिक, इसी रिपोर्ट के आधार पर सप्ताह भर के भीतर गठबंधन का निर्णय सार्वजनिक हो जाएगा। बॉक्स-1 माकन और सिब्बल का शीला की बैठक में न आना भी देता संकेत शुक्रवार को शीला दीक्षित के निवास पर गठबंधन को लेकर हुई बैठक में न तो पूर्व अध्यक्ष अजय माकन पहुंचे और न ही पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल। सूत्रों के मुताबिक इनके न आने की वजह यही रही कि इन दोनों को ही पता है कि गठबंधन पर एआइसीसी मन बना चुकी है, इसलिए उस पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं। दोनों की ही अपनी अपनी सीटों पर दावेदारी भी प्रबल है।

2 नेताओं की मजबूरी, कार्यकर्ताओं की उलझन
प्रदेश के नेता बताते हैं कि बेशक वे आप के साथ गठबंधन नहीं चाहते, लेकिन पार्टी हाईकमान का निर्देश-आदेश मानने को भी विवश हैं। अगर गठबंधन होता है तो उन्हें उसी के अनुरूप काम भी करना होगा। लेकिन यह विवशता कार्यकर्ताओं के साथ नहीं है। उनके लिए यह स्थिति उलझन भरी होगी। अभी तक कार्यकर्ता जिस पार्टी के खिलाफ दिल्ली के मतदाताओं से संपर्क साधते रहे, अब उसी के लिए वोट कैसे मांगेंगे, यह समझना मुश्किल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.