राज्यसभा में उठेगा दिल्ली में बढ़ते अपराध का मुद्दा, AAP सासंद ने दिया जीरो आवर नोटिस
दिल्ली में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर राज्यसभा में आम आदमी पार्टी ( (AAM AADMI PARTY)) के सदस्य संजय सिंह ने जीरो आवर नोटिस दिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। 17वीं लोकसभा (17th Lok Sabha) का सत्र इन दिनों चल रहा है। इस बीच दिल्ली में बढ़ते अपराध के मुद्दे को आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) ने राज्यसभा में उठाने की तैयारी कर ली है। इस मुद्दे को उठाने के लिए AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शून्यकाल (ZERO HOUR) में चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
लगता है कि दिल्ली में बदमाशों के अंदर पुलिस का खौफ समाप्त हो चुका है। यही कारण है कि गैंगवार, हत्या, फिरौती के लिए अपहरण, लूटपाट, डकैती, वाहन चोरी आदि संगीन आपराधिक घटनाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों की दलील है कि पुलिसकर्मियों को हर अपराध का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश है। पहले से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो रहे हैं, इसलिए अपराध का ग्राफ बढ़ा दिख रहा है।
अपराधियों को जल्द जमानत मिल जाती है
वाहन चोरी की घटनाएं भी पिछले के साल के मुकाबले बढ़ी हैं। अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने में भी पुलिस विफल साबित हो रही है। कमजोर गवाह और सबूत के कारण अपराधियों को जल्द जमानत मिल जा रही है। लिहाजा, बाहर आकर वह दोबारा से आपराधिक वारदात कर रहे हैं। हालाकि, अधिकारियों का दावा है कि पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। पुलिस अपराध पर अंकुश लगाने में जुटी हुई है।
बता दें कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित (Sheila Dixit) ने भी पिछले दिनों उपराज्यपाल अनिल बैजल (Aniul Baijal) को पत्र लिखकर दिल्ली में बढ़ते अपराध को लेकर चिंता व्यक्त की थी। इसके साथ ही इस विषय में बातचीत के लिए समय भी मांगा है।
पत्र में शीला ने लिखा है कि दिल्ली आम लोगों और खासकर महिलाओं के लिए असुरक्षित बनती जा रही है। दिल्ली एक तरह से क्राइम कैपिटल बन गई है। शीला दीक्षित ने उपराज्यपाल से मांग की है कि बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस को प्रभावी और अलर्ट बनाया जाए। शीला दीक्षित ने कहा है कि करीब दर्जनभर एनकाउंटर की घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मृत्यु हुई है और 22 घायल हुए हैं। दिल्ली का कोई भी कोना अपराधियों से अछूता नहीं है। शीला दीक्षित ने इसे लेकर भी गहरी चिंता जताई है कि कई गंभीर अपराधों में ऐसे अपराधी शामिल पाए गए, जो पैरोल पर बाहर हैं और फिर भी अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
यहां पर बता दें कि भारतीय संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के बाद का समय शून्यकाल होता है, इसका समय 12 बजे से लेकर 1 बजे तक होता है। दोपहर 12 बजे आरंभ होने के कारण इसे शून्यकाल कहा जाता है। शून्यकाल का आरंभ 1960 के दशकों में हुआ जब बिना पूर्व सूचना के अविलम्बनीय लोक महत्व के विषय उठाने की प्रथा विकसित हुई। शून्यकाल के समय उठाने वाले प्रश्नों पर सदस्य तुरंत कार्रवाई चाहते हैं।
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