खुले वाहन में नामांकन के लिए निकले संजय सिंह, करीब खड़े हैं AAP नेता आशुतोष
राज्यसभा उम्मीदवारों में संजय सिंह को छोड़कर सुशील गुप्ता और नारायणदास गुप्ता बाहरी हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा दिल्ली की तीनों राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का एलान करने के 24 घंटे के भीतर पहले उम्मीदवार संजय सिंह चुनाव आयोग के दफ्तर नामांकन करने के लिए पहुंचे। उनके साथ शुरुआती दौर में संभावित उम्मीदवारों में से एक AAP नेता आशुतोष भी थे। बृहस्पतिवार दोपहर संजय सिंह खुले वाहन में सवार होकर चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे। वाहन में कार्यकर्ताओं के साथ आशुतोष नजर आए तो लोगों को आश्चर्य भी हुआ, क्योंकि राज्यसभा उम्मीदवारों में आशुतोष का नाम काफी पहले से चल रहा था।
बता दें कि इससे पहले बुधवार को AAP ने राज्यसभा के लिए अपने तीन प्रत्याशी तय कर दिए। इनमें संजय सिंह को छोड़ सुशील गुप्ता और नारायणदास गुप्ता बाहरी हैं। सुशील एक महीने पहले तक कांग्रेस के साथ थे। वह आप के खिलाफ अभियान में भी शामिल रहे। पार्टी ने कुमार विश्वास व आशुतोष को दरकिनार कर दिया है।
इस फैसले पर पार्टी के अंदर व बाहर घमासान है। आप के पुराने साथियों ने केजरीवाल की निष्ठा पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने टिकट बेचे जाने की आशंका जताई है।
अडानी-अंबानी को बात-बात पर कोसने वाली आप ने दो धन-कुबेरों को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंका दिया है। संजय सिंह तो पार्टी की स्थापना के समय से जुड़े हुए हैं। वह फिलहाल आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के प्रमुख भी हैं, लेकिन सुशील व्यवसायी और पूर्व कांग्रेसी हैं।
नारायणदास गुप्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। नामांकन की अंतिम तिथि पांच जनवरी है। इनका चुना जाना लगभग तय है। 16 जनवरी को चुनाव होंगे और नतीजे भी आ जाएंगे। प्रत्याशियों का चयन सीएम अरविंद केजरीवाल के निवास पर हुई बैठक में किया गया। इसमें 67 में से 56 विधायक ही शरीक हुए।
पीएसी के सदस्य कुमार विश्वास ने बैठक में भाग नहीं लिया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निर्णय की जानकारी दी। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल से पूछा है कि जिन दो कारोबारियों को उन्होंने राज्यसभा के लिए उतारा है, उनसे उनके क्या रिश्ते हैं।
जानें AAP के तीनों उम्मीदवारों के बारे में
सुशील गुप्ता: दिल्ली के बड़े कारोबारी हैं। करीब एक महीन पहले कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। सुशील गुप्ता के दिल्ली और खासतौर से हरियाणा में 25-30 स्कूल, कॉलेज और अस्पताल हैं। हरियाणा में वैश्य समाज में उनकी अच्छी पकड़ है, जिससे पार्टी को हरियाणा ही नहीं दिल्ली में भी अपना आधार मजबूत करने में मदद मिलेगी। कांग्रेस के टिकट पर मोतीनगर से 2013 का दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। तब उन्हें भाजपा के सुभाष सचदेवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वह उस समय दूसरे सबसे अमीर उम्मीदवार थे और हलफनामे में अपनी संपत्ति 164 करोड़ रुपये बताई थी।
नारायणदास गुप्ता: पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। करीब डेढ़ साल से आम आदमी पार्टी का आयकर विभाग में केस संभाल रहे हैं। आयकर विभाग ने आप को फंडिंग में गड़बड़ी के आरोप में 30 करोड रुपये टैक्स देने का आदेश दिया है। जीएसटी के अच्छे जानकार हैं। नारायणदास गुप्ता (68) अरविंद केजरीवाल से एनजीओ परिवर्तन के समय से जुड़े हैं।
संजय सिंह: आप के वरिष्ठ नेता हैं। इनका नाम इसलिए तय किया गया ताकि यह संदेश दिया जा सके कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की अहमियत समझती है। संजय सिंह के नाम को लेकर कोई विवाद भी नहीं था। यहां तक कि कुमार विश्वास के समर्थक भी संजय सिंह के नाम को लेकर कोई आपत्ति नहीं जता रहे हैं। संजय सिंह आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से आंदोलन के समय से ही जुड़े हैं। उन्होंने पंजाब चुनाव में प्रभारी भी बनाया गया था। उस समय उन पर कई तरह के आरोप भी लगे थे।