AAP-कांग्रेस में गठबंधन को लेकर अटकलें तेज, जानें- दिल्ली के एक बड़े नेता ने क्या कहा
चर्चा है कि अजय माकन AAP के साथ गठबंधन के पक्षधर नहीं हैं, मगर बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद माना जा रहा है कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात आगे गढ़ सकती है।
नई दिल्ली, जेेएनएन। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से अजय माकन का इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने के बाद से एकाएक आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के कयास तेज हो गए हैं।
राजनीतिक हल्कों में काफी पहले से ही चर्चा है कि अजय माकन AAP के साथ गठबंधन के पक्षधर नहीं हैं, मगर बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद माना जा रहा है कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात आगे गढ़ सकती है।
लोकसभा चुनाव-2014 में AAP के सभी सातों प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे और पार्टी को 33 फीसद वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे थे और मत फीसद साढ़े 15 के करीब था। AAP के एक रणनीतिकार मानते हैं कि यदि दोनों दलों के बीच समझौता होता है तो भाजपा को मात देने में आसानी होगी।
दावा है कि दिल्ली में AAP सरकार के कामकाज से जनता खुश है, जबकि सीलिंग व नोटबंदी ने जनता की कमर तोड़ दी है। खासकर सीलिंग को लेकर दिल्ली में भाजपा के सातों सांसद जनता के निशाने पर हैं। ऐसे में यदि एंटी मोदी (भाजपा) वोट दो जगह बंटता है तो किसी को भी लाभ नहीं होगा। ऐसे में यदि यह वोट आप के पास आता है तो वह अधिक मजबूत होगी।
AAP के लोग यह भी मान रहे हैं कि भाजपा के लिए अब 2014 वाले हालात नहीं हैं, क्योंकि उसके अगले साल ही 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP का मत फीसद काफी ऊपर निकल गया था। वर्ष-2015 में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं। ऐसे में कहा जा सकता है कि भाजपा को AAP 2015 में ही झटका दे चुकी है। यह अलग बात है कि गठबंधन को लेकर AAP की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है।
गोपाल राय (संयोजक, AAP, दिल्ली) का कहना है कि देश में तेजी से राजनीतिक माहौल बदल रहा है। इस पर AAP नजर रख रही है। किसी भी तरह के गठबंधन पर पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) फैसला लेगी।