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छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा को मारने की साजिश रच रहे नक्सली

विधानसभा चुनाव से ऐन पहले नक्सलियों ने महेश गागड़ा को मारने के लिए टीम गठित की है। खुफिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 12:05 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 12:05 AM (IST)
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा को मारने की साजिश रच रहे नक्सली
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा को मारने की साजिश रच रहे नक्सली

नईदुनिया, रायपुर। नक्सली छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेश गागड़ा को मारने की साजिश रच रहे हैं। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले नक्सलियों ने उन्हें मारने के लिए टीम गठित की है। खुफिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है। फोर्स ने गागड़ा को सतर्कता बरतने को कहा है।

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महेश गागड़ा प्रदेश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर के विधायक हैं। वे शुरू से नक्सलियों का विरोध करते रहे हैं। इससे पहले भी उन पर कई बार जानलेवा हमला हो चुका है, हर बार किस्मत से ही वे बचते रहे हैं।

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि गागड़ा को मारने के लिए 15 अगस्त या 26 जनवरी का अवसर तय किया गया था। पिछले 15 अगस्त को उन्हें टारगेट में लेने की कोशिश भी की गई थी, जो विफल रही। नक्सलियों ने महेश गागड़ा को मारने की जिम्मेदारी बटालियन कमांडर एकाम ईडमा और विज्जा को सौंपी है।

ईडमा के साथ आठ सौ नक्सलियों की फोर्स रहती है। नक्सलियों ने रणनीति बनाई है कि सड़क मार्ग से भैरमगढ़ जाते वक्त उन्हें निशाने पर लिया जा सकता है। बताया गया है कि इस बारे में जंगल में हुई एक बैठक में विस्तृत चर्चा की गई थी। कहा गया था कि मंत्री जब गाड़ी में सड़क मार्ग से जाते हैं तब उनके साथ फोर्स के सौ जवान होते हैं। तीन सौ नक्सली हमला करें तो उन्हें मारा जा सकता है।

इस खुफिया इनपुट ने फोर्स की नींद भी उड़ा दी है। चुनावी मौसम में गागड़ा ज्यादातर वक्त अपने गृहनगर भैरमगढ़ में ही रुकते हैं। वहां से बीजापुर जिले के हर गांव में दौरा कर रहे हैं।

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गागड़ा पर कब-कब हुए हमले

- 2011 में लोक सुराज अभियान के दौरान भोपालपटनम ब्लॉक के पेगड़ापल्ली गांव में नक्सलियों ने गागड़ा के काफिले पर हमला किया था। गागड़ा ने वापसी के दौरान अपनी गाड़ी बदल दी थी, जिससे नक्सली धोखा खा गए। हमले में जिला पंचायत सदस्य समेत तीन भाजपा कार्यकर्ता मारे गए थे।

- गीदम में नगर पंचायत चुनाव का प्रचार करने जा रहे गागड़ा पर 2014 में हमला हुआ था। तुमनार बाजार में नक्सलियों ने उनके काफिले पर गोली चलाई। आरओपी ड्यूटी में तैनात एक जवान इस गोलीबारी का शिकार हो गया।

-एक बार मिंगाचल पुल के पास भी उनके काफिले पर हमला हो चुका है। हर बार वे बाल-बाल बचे हैं।

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करीबी कार्यकर्ताओं की गई थी जान

गागड़ा के कई सहयोगियों और पार्टी कार्यकर्ताओं की नक्सली हत्या कर चुके हैं। उनके बेहद करीबी मुरलीकृष्ण नायडू को भैरमगढ़ में नक्सलियों ने गोली मार दी थी। नायडू को तत्काल हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा गया था, यहां उनकी जान बच गई। जिला पंचायत सदस्य रामलाल, भाजपा नेता पुरुषोत्तम समेत कई गागड़ा समर्थक नक्सली हमले में जान गंवा चुके हैं।


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