Move to Jagran APP

भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर का मैदान रहा मुंगेली सीट

मुंगेली में विधानसभा की दो सीटें हैं। एक सामान्य और दूसरी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। दोनों सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 09:59 PM (IST)
भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर का मैदान रहा मुंगेली सीट
भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर का मैदान रहा मुंगेली सीट

संजीत कुमार, रायपुर। छह साल पहले छत्तीसगढ़ के 21वें जिले के रूप में अस्तित्व में आए मुंगेली में विधानसभा की दो सीटें हैं। एक सामान्य और दूसरी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। दोनों सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है। अभी दोनों सीटें भाजपा के पाले में है। राज्य बनने के बाद लोरमी सीट पर पिछले चुनाव में पहली बार भगवा लहराया था।

loksabha election banner

भाजपा का वोट घटा, लेकिन सीट बढ़ी 
2008 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले पिछले चुनाव में भाजपा का वोट घटा है। इसके बावजूद पार्टी दोनों सीट जीतने में सफल रही। राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ, जब लोरमी सीट भाजपा जीती, वरना 1998 से इस सीट से कांग्रेस के धरमजीत सिंह जीतते आ रहे थे। 2013 में भाजपा को करीब 41 फीसद वोट मिले। वहीं, 2008 में भाजपा 43 फीसद वोट हासिल करने के बावजूद केवल एक मुंगेली सीट ही जीत पाई थी।

Related image

भाजपा लहर में भी देखना पड़ा हार का मुंह 
राज्य निर्माण के बाद 2003 में हुए पहले चुनाव में पूरे राज्य में भाजपा की लहर थी, लेकिन मुंगेली की दोनों सीटों पर यह लेहर बेअसर रही। कांग्रेस ने 42 फीसद वोट शेयर के साथ दोनों सीट जीत ली। 2008 में कांग्रेस का वोट शेयर दो फीसद गिर गया और पार्टी के हाथ से मुंगेली सीट भी निकल गई। 2013 में कांग्रेस का वोट शेयर तीन फीसद और कम हो गया। पार्टी 37 फीसद वोट हासिल कर पाई, लेकिन एक भी सीट नहीं मिली।

2003 में भाजपा से छिन गई थी मुंगेली 
मुंगेली सीट भाजपा ने 1993 और 1998 में जीती थी। 1998 में पार्टी ने विक्रम मोहले को टिकट दिया था। 2003 में भी उन्हें ही मैदान उतारा गया। विक्रम यह चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी ने सांसद रहे पुन्नूलाल मोहले को मुंगले की जंग में उतारा। मोहले लगातार दोनों चुनाव जीत चुके हैं।

तीन चुनाव बाद हाथ आई लोरमी 
लोरमी सीट से 1993 में भाजपा के मुनीराम साहू ने चुनाव जीता था। 98 और 2003 में भी भाजपा ने उन्हीं पर दांव खेला, लेकिन दोनों चुनाव हार गए। दोनों बार कांग्रेस के धरमजीत सिंह ने उन्हें पटखनी दी। 2008 में सिंह के मुकाबले में भाजपा ने जवाहर साहू को उतार, लेकिन वे भी नहीं जीत पाए। 2013 में तोखन साहू को टिकट दिया और वह जीत गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.