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अभी नहीं हट सकता अफस्पा, भारत-पाक के बीच बातचीत ही एकमात्र विकल्प: महबूबा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अलगाववादियों के कारण ही आज डाउन टाउन के लोग घुटन महसूस कर रहे हैं। वे पत्थरबाजी व गोलियों के बीच फंस गए हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 03 Feb 2018 11:22 AM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 05:01 PM (IST)
अभी नहीं हट सकता अफस्पा, भारत-पाक के बीच बातचीत ही एकमात्र विकल्प: महबूबा
अभी नहीं हट सकता अफस्पा, भारत-पाक के बीच बातचीत ही एकमात्र विकल्प: महबूबा

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जम्मू,राज्य ब्यूरो।जम्मू कश्मीर में सेना व सुरक्षाबलों को विशेषाधिकार देने वाले आ‌र्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) को बरकरार रखने का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अभी ऐसे हालात नहीं बने हैं कि इसे राज्य से हटाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने शोपियां मामले में सेना की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत के बाद दायर एफआइआर को सही ठहराते हुए कहा कि इसके जवाब में कोई काउंटर एफआइआर नहीं हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की एफआइआर के बाद सेना ने सिर्फ अपना पक्ष रखा है। मौतों के मामले में जांच जारी है। कोई कार्रवाई करने से पहले हमारे लिए दोनों का पक्ष जानना जरूरी है।शुक्रवार शाम को विधानसभा में अपने विभागों की ग्रांट पर बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सेना एक अनुशासित फोर्स है, जो जम्मू कश्मीर के हालात की बेहतरी के लिए कुर्बानियां दे रही है। ऐसे संस्थानों में किसी एक की गलती के लिए कानून के तहत कार्रवाई करने की व्यवस्था है। जब सेना के अधिकारी भूमि घोटाले में संलिप्त पाए गए थे तो उनके खिलाफ कार्रवाई हुई थी। महबूबा ने कहा कि हम चाहते थे कि अफस्पा हटे व कश्मीर में पुलिस, सुरक्षाबलों में कटौती हो। लेकिन उन हालात में क्या किया जाए जब मुठभेड़ के दौरान आतंकियों के समर्थन में चार-पांच गांवों के सैकड़ों लोग सुरक्षाबलों पर हमला करने के लिए आ जाते हैं। जैसे जैसे वहां पर खूनखराबा, पथराव अधिक हुआ, पुलिस व सुरक्षाबलों की संख्या भी बढ़ती गई। यह कड़वा सच है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कुछ इलाकों से सुरक्षाबलों की चौकियां हटाना शुरू की थी। कुछ इलाकों के लोग सुरक्षा के लिए चौकियां बरकरार रखने की मांग लेकर आ गए थे। उनका कहना था कि हमारी तलाशी नहीं होती है, लेकिन आतंकी चौकियों के कारण वहां आने से कतराते हैं।पत्थरबाजों की माफी पर सियासत कर रहीं राजनीतिक पार्टियां। महबूबा ने स्पष्ट किया कि पत्थरबाजों की रिहाई को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की एक राय थी। आतंकी बुरहान वानी की मौत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई 2016 में बने हालात से ऐसा करना संभव नहीं हो पाया। केंद्र भी चाहता है कि युवा अपना भविष्य बेहतर बना सकें। अब इस फैसले को प्रभावी बनाकर उन्हें मौका दिया गया है। यह दुखद है कि कुछ राजनीतिक पार्टियां पत्थरबाजों को माफ किए जाने पर भी सियासत कर रही हैं।
भाजपा का अपमान, जनादेश का अपमान : नेकां के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के भाजपा को निशाना बनाने पर मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि भाजपा का अपमान, जनादेश का अपमान करना है। लोगों की बदौलत ही भाजपा इस समय देश की सबसे बड़ी पार्टी है।
 
 
कश्मीर को जन्नत बनाने के लिए जहन्नुम भी जाउंगी:कश्मीर में हालात बहाली को अपनी सरकार की प्राथमिकता करार देते हुए महबूबा ने कहा कि बातचीत ही मसले का समाधान है, यह नई दिल्ली भी मानती है। महबूबा ने दावा किया कि कश्मीर को जन्नत बनाने के लिए मुझे जहन्नुम भी जाना पड़ा तो मैं वहां भी जाउंगी। वह उमर के उस आरोप का जवाब दे रही थीं जिसमें उन्होंने कहा था कि आपने कश्मीर को जहन्नुम बना दिया है। राज्य में स्पेशल पुलिस अधिकारियों की तैनाती में पूरी पारदर्शिता बरते जाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह भी नहीं पूछा है कि आपके कार्यकाल में ये भर्तियां किस तरह से हुई थी।
बच्ची से दुष्कर्म के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे :कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म व व हत्या पर महबूबा ने कहा कि मामले में एफआइआर दर्ज है व क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि एक छोटी से बच्ची से ऐसी घटना हृदयविदारक है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मसलों के समाधान के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत ही एकमात्र विकल्प है। हम कश्मीर पाकिस्तान को नहीं दे सकते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर व गुलाम कश्मीर के बीच दीवारें गिरा सकते हैं। वह हिस्सा भी हमारा ही है, इसलिए क्यों न हम उनके साथ सभी रास्ते खोल दें। यह वक्त आगे बढ़ने का है। महबूबा ने कहा कि आजादी मांगने वालों को उनके हाल पर छोड़ दो कि वे इसे कब व कैसे हासिल करेंगे।केंद्र अलगाववादियों को भी बातचीत में शामिल करना चाहताजम्मू : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार अलगाववादियों को भी बातचीत की प्रक्रिया में शामिल करना चाहता है। केंद्र ने इसलिए न सिर्फ दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार बनाया अपितु बातचीत की प्रक्रिया को बल देने के लिए उन्हें कैबिनेट सचिव का दर्जा भी दिया। अलगाववादियों के बातचीत के लिए सामने न आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप घोड़े को नदी के पास लेकर जा सकते हैं, लेकिन आप उसे जबरदस्ती पानी नहीं पिला सकते हैं।
हमारा सेल्फ रूल संविधान के दायरे में
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पीडीपी के सेल्फ रूल को निशाना बनाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारा सेल्फ रूल संविधान के दायरे में है। हम संप्रभुता के दायरे में रहकर बात करते हैं। हम कहते हैं कि नए रास्ते खोलकर लोगों को करीब लाने के साथ आर्थिक विकास संभव हो। केंद्र सरकार के वर्किंग ग्रुप भी इसकी पैरवी कर चुके हैं। ख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि गुलाम कश्मीर में नए मार्गो के साथ कारगिल-स्कर्दू, जम्मू-सियालकोट, नौशहरा-झंगड़ रूट खुले व जम्मू कश्मीर मध्य एशिया का गेटवे बन सके। लेकिन हिंसा चक्र के कारण ऐसा संभव नही हो पा रहा है।
हालात बिगाड़ लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहे अलगाववादी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कश्मीर के हालात बिगाड़ने पर तुले अलगाववादियों पर बरसी। उन्होंने कहा कि अलगाववादियों मस्जिदों से ऐलान कर युवाओं को प्रदर्शन व पथराव के लिए उकसाते हैं। उनके उकसावे व चलो के आह्ववानों से हिंसा होती है। क्या उन्हें पता नही है कि आज हालात कितने खराब हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलगाववादियों के कारण ही आज डाउन टाउन के लोग घुटन महसूस कर रहे हैं। वे पत्थरबाजी व गोलियों के बीच फंस गए हैं। 

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