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Narada Sting Case: नारद स्टिंग मामले में मैथ्यू सैमुअल ने कहा, मुकुल रॉय ने नहीं लिए थे पैसे

Narada Sting Case मैथ्यू सैमुअल ने बंगाल में 2014 में नारद स्टिंग किया था जिसमें कई तृणमूल कांग्रेस नेताओं को रिश्वत लेते देखा गया था। सीबीआइ ने तृणमूल कांग्रेस के 12 शीर्ष नेताओं तथा एक आइपीएस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 07:17 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 07:17 PM (IST)
Narada Sting Case: नारद स्टिंग मामले में मैथ्यू सैमुअल ने कहा, मुकुल रॉय ने नहीं लिए थे पैसे
मैथ्यू सैमुअल ने बंगाल में 2014 में नारद स्टिंग किया था।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Narada Sting Case: बंगाल के नारद स्टिंग आपरेशन मामले में पोर्टल के प्रमुख मैथ्यू सैमुअल ने कहा कि तत्कालीन तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव और अब भाजपा के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने पैसे नहीं लिए थे। निजी कार्य से कोलकाता पहुंचे मैथ्यू ने इसकी जानकारी दी। इस दौरान वह कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआइ (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) कार्यालय भी गए। स्टिंग आपरेशन के बारे में बात करते हुए मैथ्यू ने कहा कि मुकुल रॉय के पास पैसे ले जाने के बाद उन्होंने बर्धमान के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एसएमएच सैयद हुसैन मिर्जा को इन्हें देने के लिए कहा था। इसके बाद मैंने पुलिसकर्मी को भुगतान किया। नारद स्टिंग आपरेशन मामले की जांच के दौरान सीबीआइ ने मिर्जा को गिरफ्तार किया था। वह अब जमानत पर बाहर हैं । मैथ्यू ने कहा कि एक पत्रकार के रूप में मैंने एक स्टिंग आपरेशन किया था। यही मैंने इसे साबित करने के लिए किया था। मैंने सीबीआइ और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के साथ सहयोग किया है।

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गौरतलब है कि सैमुअल ने बंगाल में 2014 में नारद स्टिंग आपरेशन किया था, जिसमें कई तृणमूल कांग्रेस नेताओं को रिश्वत लेते देखा गया था। सीबीआइ ने तृणमूल कांग्रेस के 12 शीर्ष नेताओं तथा एक आइपीएस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सैमुअल चेन्नई की एक कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में उनके पास पहुंचे थे। इस सिलसिले में रिश्वत और आपराधिक कदाचार से निपटने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत कथित साजिश को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2019 में नारद स्टिंग मामले से संबंधित टेप की फारेंसिक रिपोर्ट नहीं मिलने पर हैरानी जताई थी। राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जयमाल्य बागची ने कहा कि यह काफी हैरान करने वाली बात है कि नारद स्टिंग मामले में सबूत के तौर पर जुटाए गए टेप की जांच रिपोर्ट अब तक सीबीआइ को नहीं मिली।


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