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बेटे के लिए भाजपा आलाकमान के सामने अड़े केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, कह दी बड़ी बात

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बेटे को Loksabha Election में टिकट दिलाने के लिए भाजपा आलाकमान के समक्ष अड़ गए हैं। उन्‍होंने बेटे को टिकट मिलने पर खुद राजनीति छोड़ने की बात कही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 10:38 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 10:38 AM (IST)
बेटे के लिए भाजपा आलाकमान के सामने अड़े केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, कह दी बड़ी बात
बेटे के लिए भाजपा आलाकमान के सामने अड़े केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, कह दी बड़ी बात

नई दिल्ली, जेएनएन। हरियाणा के दिग्‍गज नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह अपने आइएएस अधिकारी बेटे बृजेंद्र सिंह को सोनीपत सीट से टिकट के लिए भाजपा आलाकमान के सामने अड़ गए हैं। बीरेंद्र काफी समय से बेटे को लोकसभा चुनाव में भाजपा टिकट दिलाने की मुहिम में जुटे हैं। अब इस क्रम में उन्‍होंने बड़ी बात कह दी है। उन्‍होंने कहा है कि बेटे को टिकट मिलते ही वह खुद सक्रिय राजनीति से संन्‍यास ले लेंगे।

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बेटे बृजेंद्र सिंह को टिकट मिलते ही राजनीति को अलविदा कहकर खारिज करेंगे वंशवाद के आरोप

बीरेंद्र सिंह ने साफ किसा है कि वह राजनीति में वंशवाद के खिलाफ हैं और इसी कारण बृजेंद्र सिंह को टिकट मिलते ही सक्रिय राजनीति से अलविदा कह देंगे। सिर्फ पार्टी की मजबूती के लिए भाजपा संगठन का ही काम देखेंगे। इसके बारे में उन्होंने पार्टी आलाकमान को लिखित तौर पर भी दे दिया है।

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बीरेंद्र सिंह का कहना है कि किसान, मजदूर वर्ग के मसीहा दीनबंधु सर छोटू राम की विरासत संभालने के लिए अब उनका बेटा राजनीति में आकर लोगों की सेवा करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि जिस दिन पार्टी उनके बेटे को टिकट देगी,उसी दिन वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद और राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे देंगे।

सर की उपाधि पर दुष्यंत चौटाला को दिया करारा जवाब

केंद्रीय मंत्री ने जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला द्वारा सर छोटूराम को मिली सर की उपाधि पर दिए गए बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सर की उपाधि तो गुरु रविंद्रनाथ टैगोर, जगदीश चंद्र बोस को भी मिली थी। समाज के दबे, कुचले वर्ग के उत्थान के लिए सर की उपाधि दीनबंधु को मिली थी।

बीरेंद्र सिंह ने दुष्यंत चौटाला को नसीहत दी कि राजनीतिक लाभ के लिए एक स्तर से नीचे नहीं उतरना चाहिए। उन्‍होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'जो जैसा बोलेगा, वैसा भुगतेगा।' उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला समझदार हैं तो सिर्फ माफी ही नहीं मांगें बल्कि अपने आचरण में भी सुधार करें। अन्यथा समाज को ठेस पहुंचाकर राजनीतिक लाभ की उम्मीद न करें।

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