Move to Jagran APP

Rajasthan: कोटा में एक माह में 77 बच्चों की मौत पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जताई नाराजगी

Lok Sabha Speaker Om Birla. ओम बिड़ला ने रविवार को राजस्थान में कोटा के उस अस्पताल का दौरा किया जहां नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 04:52 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 06:31 PM (IST)
Rajasthan: कोटा में एक माह में 77 बच्चों की मौत पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जताई नाराजगी
Rajasthan: कोटा में एक माह में 77 बच्चों की मौत पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जताई नाराजगी

जयपुर, जागरण संवाददाता। Lok Sabha Speaker Om Birla. राजस्थान में कोटा के जेके लॉन अस्पताल में दिसंबर में अब तक 77 बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने चिंता एवं सरकारी चिकित्सा व्यवस्था पर नाराजगी जताई है।

loksabha election banner

कोटा सांसद ओम बिड़ला ने रविवार दोपहर अस्पताल का दौरा किया और वहां के हालात पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत चिंता का विषय है। अस्पताल में चिकित्सा उपकरणों की कमी, एक-एक बैड पर दो से तीन बच्चों को रखा जाना और गंदगी सहित ऐसे कई कारण हो सकते हैं, जिनके कारण संक्रमण फैला हो और बच्चों की मौत हुई हो। उन्होंने कहा कि यह बहस का विषय नहीं है कि कब कितने बच्चों की मौत हुई, मेरा मानना है कि चिकित्सा सुविधा इस तरह की उपलब्ध कराई जाए कि बच्चों की मौत जैसे मामले सामने ही नहीं आए।

दरअसल, शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा था कि प्रतिदिन चार से पांच बच्चों की मौत होती रहती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि पिछले छह सालों में प्रतिवर्ष 1300 से 1500 बच्चों की मौतें हुई, जबकि इस साल 900 बच्चों की मौत हुई है।

उधर, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम रविवार शाम कोटा पहुंची। टीम के सदस्यों ने जेके लॉन अस्पताल का दौरा कर वहां भर्ती बच्चों के परिजनों से बात करने के साथ ही चिकित्सकों से मृतक बच्चों को लेकर भी जानकारी ली। टीम के सदस्यों ने माना कि गंदगी और उपकरणों का अभाव होने के साथ ही चिकित्सकों की लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हुई है।

उल्लेखनीय है कि अस्पताल में दिसंबर माह में अब तक 77 बच्चों की मौत हुई है। इनमें से 10 बच्चों की मौत 23 और 24 दिसंबर को 48 घंटे में हुई थी। बच्चों की मौत का मामला तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री ने मेडिकल चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गलेरिया को कोटा भेजा और अस्पताल अधीक्षक को डॉ. एचएल मीणा और हटाकर सुरेश दुलारा को उनके स्थान पर लगाया है।

बच्चों की मौत पर गहलोत का असंवेदनशील बयान, बोले- नई बात नहीं

कोटा के जेके लॉन अस्पताल में दो दिन में 10 और दिसंबर माह में अब तक 77 बच्चों की मौत के मामले में राजस्थान में सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को तब और हवा दे दी, जब उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बच्चों की मौत कोई नई बात नहीं है। हालांकि, मामले ने तूल पकड़ा तो उन्होंने ट्वीट कर सफाई दी कि हम संवेदनशील हैं। किसी ने जानबूझकर इसे गलत ढंग से पेश किया।

उधर, कोटा पहुंचे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इसे सरकार की संवेदनहीनता कहते हुए अस्पताल में लापरवाही की बात कही है।गौरतलब है कि गत 23 और 24 दिसंबर को उक्त अस्पताल में दस बच्चों की मौत हो गई थी। मौत की वजह क्या है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिरला ने मुख्यमंत्री से इस मामले में दखल की अपील की थी।

उधर, सीएम गहलोत ने शनिवार को जयपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मामले पर ¨चता तो जताई, लेकिन यह भी कहा कि हर अस्पताल में चार-पांच बच्चों की मौत होती रहती है। पिछले छह साल का रिकॉर्ड देखें तो हर साल 1300 से 1500 बच्चों की मौत प्रदेश में हुई है। इस साल यह संख्या कम होकर 900 रह गई है। सरकार चाहती है कि बच्चों का बेहतर इलाज हो और एक भी बच्चे की मौत न हो। सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के विस्तार पर ध्यान दिया जा रहा है। निरोगी राजस्थान अभियान में भी इसे शामिल किया गया है।

इस बीच, जब मामला तूल पड़ा तो सीएम ने शाम को ट्विटर पर सफाई देते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान सिरमौर बने, उसके लिए हम प्रयासरत हैं। हम नि:शुल्क दवाएं दे रहे हैं। राजस्थान एकमात्र राज्य है, जहां वाह्य रोगियों को भी दवा नि:शुल्क मिल रही है। हमने सरकार में आते ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो कदम उठाए हैं, उससे पांच वर्ष में ये आंकड़े कम हुए हैं। एक बच्चे की जान जाना भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होता है। मां व बच्चा सुरक्षित रहे यह हमारी प्रथम प्राथमिकता में है।

सतीश पूनिया ने बच्चों का जाना हाल

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शनिवार को कोटा अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती बच्चों से मुलाकात की। साथ ही चिकित्सकों से मौत के कारणों को लेकर बात की। इस मौके पर उन्होंने सरकार व अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया। यह भी जानकारी दी कि भाजपा ने जांच के लिए पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ और कालीचरण सराफ की टीम गठित की है।

अस्पताल अधीक्षक को हटाया

मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रारंभिक जांच के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ.एचएल मीणा को पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर डॉ.सुरेश दुलारा को नया अधीक्षक बनाया गया है। जांच के लिए कोटा पहुंचे चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गलेरिया ने चिकित्सकों व अन्य स्टाफ से बात करने के साथ ही भर्ती बच्चों के परिजन से भी मुलाकात की। उन्होंने बच्चों की मौत से जुड़े रिकॉर्ड का भी अध्ययन किया।

आयोग ने मांगी रिपोर्ट

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले को गंभीर माना है। इसे लेकर कलेक्टर को जांच करवाकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.