Lok Sabha Election 2019: जम्मू कश्मीर में मतदाता ने तोड़ी आतंकवाद की चुनौती
छह संसदीय सीट वाले जम्मू कश्मीर के तीन संभागों में अलग-अलग चुनौतियों और सरकार के प्रति नाराजगी के बावजूद लोकतंत्र के इस यज्ञ में मतदाताओं का जोश देखने को मिला।
जम्मू, अभिमन्यु शर्मा । छह संसदीय सीट वाले जम्मू कश्मीर के तीन संभागों में अलग-अलग चुनौतियों और सरकार के प्रति नाराजगी के बावजूद लोकतंत्र के इस यज्ञ में मतदाताओं का जोश देखने को मिला। कश्मीर में कई जगहों पर आतंकवादियों और अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार करने की धमकियों के कारण बेशक वहां मतदान प्रतिशत कम रहा, लेकिन जिस प्रकार से लोग मतदान के लिए बाहर आए, उससे यह साफ था कि घाटी में भी लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं।
दक्षिण कश्मीर की अनंतनाग देश की इकलौती सीट थी, जहां तीन चरणों में मतदान हुआ। जम्मू-पुंछ में भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गज चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। बारामुला में राष्ट्रीय स्तर का कोई भी नेता प्रचार के लिए नहीं आया। कांग्रेस की जिम्मेदारी पूरी तरह गुलाम नबी आजाद के हाथ रही। जम्मू-पुंछ में 72.16 फीसद और बारामुला में 34.61 फीसद मतदान हुआ।
इस दौरान कहीं पर हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। दूसरे चरण में ऊधमपुर-डोडा और श्रीनगर संसदीय क्षेत्रों में मतदान हुआ। इन सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर पहुंचे। जम्मू की दोनों सीटों जम्मू-पुंछ और ऊधमपुरडोडा में प्रचार पूरी तरह से राज्य का देश के साथ पूर्ण विलय, राष्ट्रवाद और जम्मू पर कश्मीर केंद्रित राजनीति को समाप्त करने पर आधारित रहा। वहीं कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादियों के चुनावों के बहिष्कार की धमकियों के बीच चुनाव संपन्न हुआ।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप