दलगत राजनीति से ऊपर उठी योगी आदित्यनाथ सरकार, स्वीकार की कांग्रेस की 1000 बसों की सूची
Congress gave List of 1000 Buses कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को एक हजार बस की सूची सौंपने के साथ ही कहा है कि हमने मजदूरों का दर्द देखा नहीं जाता है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना लॉकडाउन में फंसे हजारों कामगारों को दूसरे प्रदेश में भेजने के साथ ही प्रदेश में वापस लाने के लिए कांग्रेस के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया है। प्रदेश सरकार को एक हजार बसों की सूची के साथ ही चालक व परिचालक की विस्तृत जानकारी भी कांग्रेस ने देने का दावा किया है।
कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को एक हजार बस की सूची सौंपने के साथ ही कहा है कि हमने मजदूरों का दर्द देखा नहीं जाता है। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर हजार बस चलाने की अनुमति मांगी थी।
इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं विधायक दल नेता श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके योगी आदित्यनाथ सरकार को गरीब मजदूर विरोधी करार दिया है। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगीं थीं। मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र ले जाकर दिया गया कोई जबाब नहीं आया। हम आज योगी आदित्यनाथ सरकार को 1000 बसों की सूची दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लगातार सरकार को सकारात्मक सुझाव दे रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार इस विपत्ति में भी बेसहारा लोगों की, जरूरतमंदों की समस्याओं को सुनने और उसके निराकरण करने में कोताही कर रही है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रियंका गांधी ने 1000 बस चलाने की अनुमति मांगी थी। हम बाकायदा महासचिव का पत्र लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय गए लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया। कांग्रेस पार्टी आज आज इस आपदा में हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने हमसे लिस्ट मांगी है हम आज मुख्यमंत्री जी को 1000 बसों की लिस्ट बकायदा दे रहे हैं। अब मुख्यमंत्री जी से गुजारिश है कि कृपया हमें अनुमति देने मजदूरों का दर्द अब हम और नहीं देख सकते हमारे मजदूर भाई बिना खाए पिए पैदल चल रहे हैं जगह-जगह दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हैं अब मजदूरों के साथ इंसाफ करिए थोड़ा सा अपना दिल बड़ा करिए यह वक्त राजनीति का नहीं है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में हम लगातार जनता की सेवा कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में हमने 60 लाख से अधिक लोगों की राशन-खाना देकर मदद की। सात लाख से अधिक प्रदेश से बाहर फंसे बहन-भाइयों की मदद की गई। हम प्रदेश के 22 जिलों में हम रसोईघर चला रहे हैं। बिना खाये-पीयें आ रहे देश निर्माता मजदूर भाई-बहनों के लिए हाइवे पर 40 स्टॉल्स लगाकर के हम खाना, पानी, गुड़, चना और नाश्ता बांट रहे हैं।
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि हम लगातार सरकार को सकारात्मक सुझाव दे रहे हैं। मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन योगी सरकार इतनी असंवेदनशील है कि हमारे देश निर्माता मजदूर बहनों-भाइयों की आवाज को सुनना भी नहीं चाहती है। हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों के लिए रेलवे भाड़ा अदा करने की बात की भाजपा सरकार ने वहां भी अपना गरीब विरोधी चेहरा दिखाया। हमारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ज्यादा टेस्टिंग करने का सुझाव दिया तब थोड़ा सा टेस्टिंग बढ़ाई गई। जब महासचिव ने सबको राशन की गारंटी की बात उठाया तब जाकर सरकार जागी और तेजी दिखाई। आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि योगी सरकार ने मजदूरों के साथ विश्वासघात किया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कहा था कि वह अपने प्रवासी मजदूरों को अन्य प्रदेशों से लाएंगे लेकिन अब जब मजदूर प्रदेश में खुद चलकर आ रहे हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार जगह-जगह उनके ऊपर लाठी चार्ज कर रही है। पिछले दिन मथुरा झांसी और जमुना नगर बॉर्डर पर मजदूरों के साथ बर्बर लाठीचार्ज हुआ। मुख्यमंत्री जी, यह देश निर्माता हैं। देश के निर्माण में इनकी सबसे बड़ी भूमिका है।आप इनके साथ इस तरीके का और मानवीय व्यवहार नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम फिर से आप से गुजारिश कर रहे हैं कि हमारे भाई बहन अपने घर आना चाहते हैं के साथ इस तरीके का अमानवीय व्यवहार न किया जा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं ने 1000 बसों की सूची मीडिया को दिखाते हुए कहा कि हम आज मुख्यमंत्री जी को को हम यह सूची सौंप देंगे और उनसे हम गुजारिश कर रहे हैं कि देश निमार्ण में लगे मजदूरों के साथ आनवीय व्यवहार अपनाएं। नेताओं ने कहा कि हमारे पास कई राज्यों में फंसे मजदूर भाई बहनों की लिस्ट है हम उसे भी सरकार को सौंपकर उन्हेंं लाने की गुजारिश करेंगे।