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कोर्ट से लौटने के बाद तनाव में लालू, बिगड़ी दिनचर्या; 11 बजे सोकर उठे-डेढ़ बजे खाया खाना

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की देखरेख कर रहे डॉक्‍टर उमेश प्रसाद ने बताया कि कोर्ट से लौटने के बाद से वे थोड़े तनाव में हैं। लालू को आराम करने की सलाह दी गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 09:17 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 11:49 AM (IST)
कोर्ट से लौटने के बाद तनाव में लालू, बिगड़ी दिनचर्या; 11 बजे सोकर उठे-डेढ़ बजे खाया खाना
कोर्ट से लौटने के बाद तनाव में लालू, बिगड़ी दिनचर्या; 11 बजे सोकर उठे-डेढ़ बजे खाया खाना

रांची, जासं। Lalu Prasad Yadav रांची के रिम्स के पेइंग वार्ड में चिकित्सारत चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव कोर्ट से लौटने के बाद थोड़े तनाव में हैं। हालांकि उनकी तबीयत सामान्य है। उनकी चिकित्सा कर रहे डा. उमेश प्रसाद के अनुसार कोर्ट से लौटने के बाद गुरुवार को भी उनकी गहन चिकित्‍सकीय जांच की गई थी, जिसमें भी उनका ब्लड प्रेशर व शुगर नॉर्मल पाया गया था।

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शुक्रवार को मेडिकल जांच में लालू प्रसाद यादव का बीपी व शुगर सामान्य पाया गया। रिम्‍स में लालू की देखरेख कर रहे डा. उमेश प्रसाद ने बताया कि कोर्ट से लौटने के बाद से वे थोड़े तनाव में जरूर हैं, लेकिन इससे उनके स्वास्थ्य पर अबतक कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्हें आराम करने की सलाह दी गई है। इधर, जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह लालू प्रसाद की दिनचर्या थोड़ी गड़बड़ रही। करीब 11 बजे वे सो कर उठे। 12:30 बजे उन्होंने स्नान किया, जबकि करीब डेढ़ बजे भोजन किया। फिर दो घंटे धूप में रहे।

लालू ने अदालत में कहा, गवाह और दस्‍तावेज में नहीं है मेल-केस मेरे खिलाफ साजिश

बीते दिन रांची की सीबीआइ अदालत में चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यह केस उनके खिलाफ साजिश है। सीबीआइ के गवाह और दस्‍तावेज में कोई मेल नहीं है। बस उनकी छवि बिगाड़ने के लिए यह केस किया गया है। 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के इस मामले में लालू ने यहां 110वें आरोपित के रूप में अपना बयान दर्ज कराया। केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में 575 गवाह अदालत में पेश कर चुकी है। अब आगे की प्रक्रिया में लालू प्रसाद यादव और दूसरे आरोपितों की ओर से 20 जनवरी को अपने गवाहों की सूची दी जाएगी। इसके बाद बहस की तारीख तय होगी।

लालू ने अदालत में कहा कि फरवरी 1996 में जब उनके संज्ञान में मामला आया था, तब तुरंत उन्‍होंने केस दर्ज करने का आदेश दिया था। करीब ढाई घंटे तक अदालत में रहे लालू को इस बीच चक्‍कर आने की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्‍होंने कुर्सी पर बैठकर सीबीआइ के विशेष जज सुधांशु कुमार शशि के सवालों का जवाब दिया।  कोर्ट से निकलते समय लालू ने जज की ओर हाथ जोड़कर विनती की। दुर्भावना से ग्रसित होकर मेरे खिलाफ मुकदमा किया गया है, फैसला सुनाने के पहले एक बार पूरी फाइल जरूर पढ़‍िएगा।


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