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बेनी प्रसाद वर्मा क्‍यों सपा छोड़ने को हुए थे मजबूर? जानें मुलायम सिंह के इस करीबी नेता के बारे में

beni prasad verma profile समाजपार्टी पार्टी में रहते हुए एक बार ऐसे हालात भी बन गए थे जब बेनी प्रसाद वर्मा को समाजपार्टी पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 09:47 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 02:15 PM (IST)
बेनी प्रसाद वर्मा क्‍यों सपा छोड़ने को हुए थे मजबूर? जानें मुलायम सिंह के इस करीबी नेता के बारे में

नई दिल्‍ली, जेएनएन।  समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा थे। उनकी गिनती सपा के उन नेताओं में होती है जिन्होंने पार्टी की बुनियाद रखी थी। समाजपार्टी पार्टी में रहते हुए एक बार ऐसे हालात भी बन गए थे, जब बेनी प्रसाद वर्मा को समाजपार्टी पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 

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जीवन परिचय

सपा नेता बेनी प्रसाद वर्मा का जन्म 11 फरवरी 1941 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी से पूरी हुई। इसके बाद वे लखनऊ आ गए, जहां से उन्होंने लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीए तथा एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। 1956 में उनकी शादी मालती देवी से हुई। आज उनके तीन पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं। अपनी पढ़ाई खत्‍म कर वे भारतीय राजनीति में आ गए। 

पांच बार रहे लोकसभा सांसद

बेनी प्रसाद वर्मा सबसे पहले वर्ष 1974 में दरियाबाद क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए थे। पहली बार 1992 में उत्‍तरप्रदेश के कैसरगंज से लोकसभा का चुनाव जीतकर बेनी प्रसाद वर्मा कई साल तक यूपी की सपा सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे। देवेगौड़ा सरकार के दौरान उन्होंने वर्ष 1996 से 1998 तक केंद्र में संचार मंत्री का पद संभाला। 1998, 1999, 2004 और 2009 में गोंडा से सांसद चुने गए, जबकि यूपीए सरकार के दौरान 12 जुलाई, 2011 को इस्पात मंत्री भी बनाए गए। पिछले लोकसभा चुनाव में हारने के बाद बेनी वर्मा कांग्रेस में हाशिए पर थे। 

इसलिए सपा छोड़ने को मजबूर हुए थे बेनी

बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे के लिए वर्ष 2007 में टिकट चाहते थे, लेकिन अमर सिंह की वजह से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को टिकट नहीं मिल सका। इसी वजह से नाराज बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और समाजवादी क्रांति दल बनाया। उसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें मनमोहन सरकार में मंत्री बनाया था। इसके अलावा वे अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य भी थे। अपने बयानों के जरिए चर्चा में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा तीन साल पहले ही कांग्रेस से सपा में वापस लौटे। सपा में वापसी के बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया। बता दें कि बनी प्रसाद वर्मा मुलायम सिंह की सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री भी रहे। 

आठ महीने पहले हुआ घुटनों का ऑपरेशन

पिछले साल अगस्‍त में ही समाजवादी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा को वैशाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी सर्जरी करने वाले वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. अखिलेश यादव ने बताया कि बेनी प्रसाद वर्मा के दोनों घुटने काम नहीं कर रहे थे। इसके बाद उनके पहले बाएं और बाद में दाएं धुटने का ऑपरेशन किया गया। घुटनों का प्रत्यारोपण सफल हो गया था। इसके बाद बृहस्पतिवार को उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया था। ऑपरेशन के बाद वह आराम से चल पा रहे थे।


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