कृषि कानून अध्यादेश वापसी की मांग को लेकर किसान यूनियन ने किया विरोध प्रदर्शन
अध्यादेश के विरोध में पंजाबदिल्ली में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके समर्थन में अब जनपद के भी किसान उतर आए हैं। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह के नेतृत्व में किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया।
बरेली, जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के विरोध में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके समर्थन में अब जनपद के भी किसान उतर आए हैं। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह के नेतृत्व में किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया।
ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने बताया कि पांच जून को लागू किए गए तीन किसान विरोधी अध्यादेशों से किसान को सिर्फ और सिर्फ नुकसान होना है। इसके साथ ही किसानों को कंपनी का बंधुआ बनाए जाने का खतरा सता रहा है। जो कानून लाया गया है। वह किसानों के हित में नहीं है। इससे मुक्त विपणन भंडारण आयात- निर्यात जैसी चीजों पर सरकार का नियंत्रण कम हो जाएगा जो किसानों के हित में नहीं है। इसका खामियाजा देश के किसान विश्व व्यापार संगठन के रूप में भी भुगत रहे हैं। देश में 1943-44 में बंगाल के सूखे के समय ईस्ट-इंडिया कंपनी के अनाज भंडारण के कारण 40 लाख लोग भूख से मर गए थे। समर्थन मूल्य कानून बनाने जैसे कृषि सुधारों से किसान का बिचौलियों और कंपनी द्वारा किया जा रहा शोषण बंद हो सकता है। इस कदम से किसानों के आय में वृद्धि होगी। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने तीनों अध्यादेशों को वापस लिए जाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों पर (फल और सब्जी) लागू करते हुए कानून बनाए जाने की मांग की। इसके साथ ही समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदी को अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग की गई। प्रदर्शन कर ज्ञापन देने वालों में यूनियन के प्रदेश सचिव चौ. शिशुपाल सिंह , प्रताप सिंह, सोमवीर सिंह, धर्मवीर, गंगाराम, श्यामवीर, ढाकनलाल, चंद्रप्रकाश, पातीराम, सुनील यादव समेत अन्य मौजूद रहें।