मध्य प्रदेश में दोहराया जा सकता है कर्नाटक एपिसोड, कांग्रेस ने लगाया आरोप
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए अगले चार-पांच दिन अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं।
नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए अगले चार-पांच दिन अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं। दरअसल, पार्टी खुद के असंतुष्ट और सहयोगी दलों सहित निर्दलीय विधायकों को स्पीकर के चुनाव तक किसी भी हाल में एकजुट रखना चाह रही है। इसके लिए भोपाल के होटलों में उनके ठहरने के इंतजाम किए गए हैं। उनसे मिलने-जुलने वालों पर नजर रखने के लिए कांग्रेस के लोगों को भी उनके साथ ही ठहराया जा रहा है। कांग्रेस को डर है कि भाजपा कर्नाटक की तरह उनके विधायकों को प्रलोभन में फंसा सकती है।
कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए राजभवन को अपने 114 विधायकों के साथ चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी के विधायक के आधार पर बहुमत जताया था। मंत्रिमंडल के गठन के बाद पनपे असंतोष और भाजपा द्वारा स्पीकर का चुनाव लड़ने की खबरों से कांग्रेस सहमी हुई है। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा भी समर्थन वापसी की धमकी ने कांग्रेस की नींद उड़ा रखी है।
कांग्रेस सूत्रों ने भी स्वीकार किया है कि पार्टी सभी विधायकों के संपर्क में है। उधर, एक बड़े होटल में रियल स्टेट कंपनी के नाम से कमरों की बुकिंग कराई गई है। इसमें शनिवार से भोपाल पहुंचने वाले विधायकों को ठहराया जाएगा।
सरकार गिराना चाहती है भाजपा
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराना चाहती है। उसके कुछ विधायक कांग्रेस विधायकों को खरीदने के लिए रुपये लेकर घूम रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस विधायक इतने कमजोर नहीं हैं कि वह बिक जाएं।
सिंह ने यह आरोप एक न्यूज चैनल से बातचीत में लगाए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जिस तरह 2003 में वह अकेले पड़ गए थे, उसी तरह 2018 में शिवराज सिंह चौहान अकेले पड़ गए और भाजपा हार गई। कांग्रेस के सभी नेताओं के प्रयासों से प्रदेश में सरकार बन सकी है।